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ब्लड बैंक में चल रहा है अवैध धंधा

खून के बदले कुछ कर्मचारी परिवार से वसूल रहे मोटी रकमबालुरघाट : दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट जिला सदर अस्पताल के एकलौता ब्लड बैंक के रक्त संकट को हथियार बना कर ब्लड बैंक के ही कुछ कर्मचारी रक्त का अवैध व्यापार कर रहे हैं. मरीज व उनके परिजनों का शिकायत है कि ज्यादा दिन ही […]

खून के बदले कुछ कर्मचारी परिवार से वसूल रहे मोटी रकम
बालुरघाट : दक्षिण दिनाजपुर जिले के बालुरघाट जिला सदर अस्पताल के एकलौता ब्लड बैंक के रक्त संकट को हथियार बना कर ब्लड बैंक के ही कुछ कर्मचारी रक्त का अवैध व्यापार कर रहे हैं. मरीज व उनके परिजनों का शिकायत है कि ज्यादा दिन ही ब्लड बैंक के दरवाजे पर ब्लड नहीं होने की नोटिस लटका दिया जाता है.

जिसमें लिखा रहता है कि ‘खून नहीं है, खून देकर खून लीजिए’. ऐसा कर ब्लड बैंक के कुछ कर्मचारी मरीज के परिवार से खून के बदले मोटी रकम वसूली करते हैं. ‘ओ’ पॉजीटिव व ‘ए’ पॉजीटिव खून 25 हजार से 30 हजार रुपये में बेचा जा रहा है. इस संबंध में बालुरघाट जिला अस्पताल के अधीक्षक इंचार्ज प्रदीप धर से पूछे जाने पर उन्होंने साफ कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

जिले में दूसरा कोई निजी अस्पताल व नर्सिग होम नहीं हरने के कारण इस जिले के लोगों का एकमात्र भरोसा है बालुरघाट जिला अस्पताल का ब्लड बैंक. ब्लड बैंक में खून की सप्लाई के लिए साल भर कोई न कोई राजनीतिक दल व स्वयंसेवी संगठनों द्वारा रक्त दान शिविर का आयोजन किया जाता है. इसके बावजूद ब्लड बैंक में रक्त संकट संबंधी नोटिस लटका दिया जा रहा है.

जिससे मरीज के परिजनों को काफी हैरान-परेशान होना पड़ता है. जिले के विभिन्न प्रांतों से अस्पताल आने के बाद मरीज के परिजनों को खून देकर खून लेने के लिए योग्य रक्तदाता तलशना पड़ता है. जिससे समस्या और गंभीर हो जाती है. इसके अलावा खून की कमी से मौत बालुरघाट जिला अस्पताल के लिए कोई नयी घटना नहीं है.

शिकायत मिली है कि बीते सोमवार को संतोष राय(40) नामक एक व्यक्ति खून की कमी का शिकार होकर बालुरघाट अस्पताल में भरती हुए. चिकित्सक ने उनके परिजनों को तीन बोतल रक्त जुगाड़ करने के लिए कहा. मरीज के परिजन जब खून लेने ब्लड बैंक में पहुंचे तो उन्हें बोला गया कि खून नहीं है.

अगर कोई खून देता है तो उसके बदले खून मिलेगा. जिससे मरीज के परिजन चिंतित हो गये यह सोच कर कि कैसे ‘ओ’ निगेटिव ग्रुप का रक्त जुगाड़ होगा. तभी ब्लड बैंक के कुछ कर्मचारी उनके पास हाजिर हुए.

उन्होंने कहा कि अगर हर बोतल के लिए ढाई हजार रुपये दिया गया तो वे रक्त जुगाड़ कर देंगे. मरीज को बचाने के लिए बाध्य होकर परिजनों को मोटी रकम से खून खरीदना पड़ा. बालुरघाट जिला अस्पताल के अधीक्षक इंचार्ज प्रदीप धर ने बताया कि अस्पताल के ब्लड बैंक में कई महीनों से खून नहीं है.

उन्होंने कहा कि खून के बदले खून की प्रक्रिया जारी रहने पर भी खून के लिए मोटी रकम वसूलने की बात झूठ है. अगर खून ब्लड बैंक में मौजूद रहता है तो मरीजों को नि:शुल्क दिया जाता है. उन्होंने कहा कि खून के लिए रुपये लेने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने मामले की जांच का आश्वासन दिया.

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