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छात्रावास से रोज आती है बच्चों के रोने की आवाज, हॉस्टल में कराया जाता है नौकर की तरह काम

बगहा : नरईपुर मुहल्ले में एक आवासीय कोचिंग संस्थान चलता है, जहां से रोज रात को बच्चों के रोने की आवाज आती है. मुहल्ले में चलने वाले इस संस्थान के बच्चों की प्रताड़ना को देख कर अलग-बगल के लोग हैरत में हैं. लेकिन इस छात्रावास में रहने वाले छात्रों के अभिभावकों को संस्थान की व्यवस्था […]

बगहा : नरईपुर मुहल्ले में एक आवासीय कोचिंग संस्थान चलता है, जहां से रोज रात को बच्चों के रोने की आवाज आती है. मुहल्ले में चलने वाले इस संस्थान के बच्चों की प्रताड़ना को देख कर अलग-बगल के लोग हैरत में हैं. लेकिन इस छात्रावास में रहने वाले छात्रों के अभिभावकों को संस्थान की व्यवस्था को लेकर कोई शिकायत नहीं है.
दरअसल, इस कोचिंग में कम खच्रें में तैयारी करा कर बच्चों का दाखिला नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि में कराने का दावा किया जाता है. पिछले कुछ वर्षो में यहां के एक दो छात्रों का नवोदय और सैनिक स्कूल में नामांकन हुआ भी है. इस वजह से अभिभावक अपने बच्चों को यहां रखते हैं.
लेकिन जिस तरह का क्रूर व्यवहार यहां छात्रावास के संचालक द्वारा किया जाता है, उससे मानवता द्रवित हो उठती है. लेकिन अभिभावकों की ओर से कोई शिकायत नहीं आती है. शिकायत नहीं आने का कारण संभवत: यह है कि छात्रावास में रहनेवाले अधिकांश छात्र ग्रामीण परिवेश के हैं. छात्र अगर छात्रावास की असुविधा को लेकर अभिभावक से शिकायत भी करते हैं तो अभिभावकों को लगता है कि पढ़ाई करने के डर से छात्रावास की शिकायत कर रहा है.
छात्रावास के बच्चे भरते हैं पानी
मजे की बात यह है कि छात्रावास सह कोचिंग के परिसर में हीं शुद्ध पेयजल का कारोबार चलता है. सुबह में करीब दो घंटे के लिए छात्रावास के बच्चों को डब्बे में पानी भरने एवं पानी भरे डिब्बे को ऑटो में लादने का काम दिया जाता है. पानी के कारोबार का लाइसेंस है या नहीं, इसकी सूचना नहीं मिल पायी है.
पानी भरने के दौरान छात्रावास के प्रांगण का दरवाजा बंद रहता है , कोई अनाधिकृत प्रवेश नहीं कर सकता. लेकिन इसी मुहल्ले के एक युवक ने छात्रावास में रहने वाले छात्रों के नाला साफ करते हुए तस्वीर एवं वीडियो तैयार की है. वह वीडियो प्रभात खबर के पास सुरक्षित है. इस मुहल्ले के लोगों ने छात्रावास के छात्रों के साथ हो रहे क्रूर व्यवहार को लेकर मानवाधिकार आयोग समेत अन्य के पास एक ज्ञापन भेजा है.
पिता को पुत्र पर भरोसा नहीं
अच्छे संस्थान में बच्चों का दाखिला कराने का सपना पाले ग्रामीण क्षेत्र के कतिपय अभिभावकों को अपने बच्चों पर हीं भरोसा नहीं है. संस्थान की प्रताड़ना की बात बच्चे निश्चित रूप से अपने परिजनों से कहते हैं. लेकिन वे लोग मानने के लिए तैयार नहीं होते. क्योंकि उनकी मानसिकता अभी बदली नहीं है.
पिता ने प्रताड़ना की बात को नकारा
विगत 19 मई की सुबह कोचिंग से निकल कर एक छात्र भागा. मुहल्ले के रमेश प्रसाद के घर पहुंचा और जोर-जोर से चिल्लाने लगा. उनकी पत्नी को पकड़ कर रोने लगा, बोला अंटी मुङो बचा लीजिए. फिर पूरे मुहल्ले के लोग आगे आये. और , कोचिंग संस्थान के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने लगे. मामले की सूचना पर पुलिस पहुंची. बालक को अपने कब्जे में लिया.
बालक आलोक कुमार इंगलिसिया गांव के विनोद साह का पुत्र है. विनोद का कहना है कि मेरे पुत्र के साथ कुछ भी गलत नहीं हुआ है. हालांकि फिलवक्त आलोक अपने गांव चला गया है. आलोक के पिता का कहना है कि मुङो कोचिंग संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करनी है. मुङो अन पर पूरा भरोसा है.

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