दमिश्क : सीरिया से आ रही खबरों के अनुसार इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने वहां के प्राचीन शहर पालमायरा पर कब्जा कर लिया है. जिसके बाद इस शहर की ऐतिहासिक धरोहरों और बेशकीमती कलाकृतियों को आतंकियों द्वारा नष्ट किये जाने का खतरा बढ गया है. कुछ ऐसा ही उन्होंने पडोसी देश इराक में किया था. यूनेस्को की प्रमुख इरिना बोकोवा ने आगाह किया, ‘पालमायरा में बर्बादी पूरी मानवता के लिए बडा खतरा होगा.’
ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ ने कहा कि आइएस ने अब इस युद्धग्रस्त क्षेत्र के आधे हिस्से पर कब्जा कर लिया है. पालमायरा पर आइएस का नियंत्रण आगे बढ रहे जेहादियों को रोकने की कोशिशों के लिए बडा झटका माना जा रहा है. सीरिया में मार्च, 2011 में शुरू हुए संघर्ष से पहले हर साल 150,000 से अधिक पर्यटक पालमायरा की यात्रा करते थे.
यूनेस्को ने इन पुरातात्विक भग्नावशेषों को विश्व विरासत सूची में शामिल किया है. अब कब्जे में लेने के बाद आइएस के आतंकी इन भग्नावशेषों को तबाह या बर्बाद कर सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की ओर से आ रही खबरों की मानें तो आइएस ने शहर पर कब्जा करने से पहले वहां के निवासियों को वहीं रोक रखा है.
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार की ओर से एक बयान आया है कि प्राचीन शहर अलमायरा को आइएस से बचाने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले देश कार्रवाई करें. पालमायरा की कलाकृतियों को ‘रेगिस्तान की दुल्हन’ भी कहा जाता है. पालमायरा की ऐतिहासिक इमारतें दूसरी शताब्दी में निर्मित हुई और वह ग्रीक, ईरान और रोमन वास्तुकला का मिश्रण हैं.
पालमायरा के विरासत पर पूरी दुनिया की नजरें है. यह दुनियाभर में प्रसिद्ध है. पुरातत्वविदों द्वारा वहां खुदाई का काम भी किया गया है. ऐसे में आइएस के लड़ाके इस एतिहासिक धरोहर को नष्ट कर सकते हैं और भूमिगत अवशेषों पर कब्जा भी कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो दुनिया के नक्शे से एक और पौराणिक विरासत नष्ट हो जायेगा, जैसा इस्लामिल स्टेट समर्थकों ने पहले भी किया है.