नौकरी छोड़ कर की एक नयी शुरुआत

‘बैंड बाजा बारात’ की श्रुति कक्कड़ की तरह दिल्ली की स्मिता गुप्ता ने भी छोटी-सी शुरुआत के साथ वेडिंग प्लानिंग के व्यवसाय में अपनी बड़ी पहचान बनायी है. छोटे बजट की बर्थ-डे पार्टी के आयोजन से शुरुआत कर वे आज दिल्ली से चंडीगढ़ तक एक करोड़ से ज्यादा बजटवाली शादियां ऑर्गनाइज करा रही हैं. शा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2013 6:42 AM

‘बैंड बाजा बारात’ की श्रुति कक्कड़ की तरह दिल्ली की स्मिता गुप्ता ने भी छोटी-सी शुरुआत के साथ वेडिंग प्लानिंग के व्यवसाय में अपनी बड़ी पहचान बनायी है. छोटे बजट की बर्थ-डे पार्टी के आयोजन से शुरुआत कर वे आज दिल्ली से चंडीगढ़ तक एक करोड़ से ज्यादा बजटवाली शादियां ऑर्गनाइज करा रही हैं.

शा दी के बाद कौशांबी में रहनेवाली स्मिता गुप्ता नौकरी और घर दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही थीं, मगर वक्त के साथ उन्हें परिवार को पर्याप्त वक्त दे पाने की कमी महसूस होने लगी. इस कमी को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने आठ साल के कैरियर को छोड़ कुछ ऐसा करने का फैसला किया, जिससे उन्हें सफलता के साथ परिवार के साथ रहने का मौका भी मिल सके. इस फैसले ने उन्हें वेडिंग प्लानिंग के व्यवसाय की शुरुआत करने का रास्ता दिखाया, जिस पर चल कर आज स्मिता अपनी एक अलग पहचान बना चुकी हैं. एक मुलाकात वेडिंग और कॉरपोरेट इवेंट प्लानर स्मिता गुप्ता से..

एक नये कैरियर की ओर कदम

एचआर में एमबीए करने के बाद मैंने आठ साल तक नौकरी की. इस दौरान मैंने कई बार ऑफिस के इवेंट्स आयोजित कराये. मुङो इसमें काफी मजा भी आता था. शादी के बाद भी मैं नौकरी के दौरान शौकिया इवेंट आयोजित करने का काम करती रही. मगर जब मेरा बेटा हुआ, तो मुङो लगने लगा कि अब मुङो अपने परिवार और बेटे को वक्त देना चाहिए. इसके बाद ही मैंने जॉब छोड़ कर कुछ नया करने के बारे में सोचना शुरू किया. मैं पहले ही ऑफिस के कार्यक्रम और इवेंट्स आयोजित कराती थी, तो मुङो लगा कि क्यों न मैं इसी दिशा में अपने नये कैरियर की शुरुआत करूं.

बर्थ-डे पार्टी से की शुरुआत

भले ही पहले मैं ऑफिस के कई इवेंट आयोजित कर चुकी थी, लेकिन मेरे पास इस काम से संबंधित कोई डिग्री नहीं थी. न ही प्रोफेशनल लेवल पर इस काम को करने का अनुभव था. ऐसे में मैंने छोटी-छोटी बर्थ-डे पार्टी आयोजित करने से इस काम की शुरुआत की. शुरुआत में मैंने इंटरनेट की मदद से आस-पास के वेन्यू का पता लगाया. कुछ ऐसे लोगों की तलाश की, जो बर्थ-डे पार्टी आयोजित करने के काम में मेरी मदद करें. इसी तरह से मैंने डेकोरेटर, गेम कोऑर्डिनेटर और मैजीशियन की एक छोटी-सी टीम तैयार की. पहली बर्थ-डे पार्टी बहुत छोटे बजट की मिली. मात्र 15 हजार के बजट में मुङो खाने से लेकर बच्चों के इंटरटेनमेंट तक की सारी व्यवस्था करनी थी. मगर मैंने उस बजट में भी अपनी पूरी क्रिएटिविटी दिखायी. खाने-पीने के साथ मैंने बच्चों का मनोरंजन करने के लिए एक जादूगर बुलाया. क्लाइंट को मेरा काम पसंद आया. पहली पार्टी से मिली सराहना ने हौसले को मजबूती दी और फिर यह सिलसिला चल निकला.

वक्त आ गया कुछ बड़ा करने का

25 से 30 बर्थ-डे पार्टी आयोजित करने के एक साल के अनुभव के बाद मुङो लगा कि अब मैं किसी बड़े इवेंट को ऑर्गनाइज करने की जिम्मेवारी ले सकती हूं. फिर मैंने वेडिंग ऑर्गनाइज करने का फैसला कर लिया. इसके लिए जल्द ही ऑर्डर भी मिलने लगे. हालांकि इतनी बड़ी जिम्मेदारी लेना और उसे पूरा करना आसान नहीं होता. इसीलिए मैंने अपने मुनाफे को न देखते हुए सिर्फ इस बात पर ध्यान दिया कि लोगों को मेरा काम पसंद आये. मैं सजावट और खाने की जिम्मेदारी अनुभवी डेकोरेटर और कैटरर को ही देती थी. शुरुआत में 4 से 5 लाख के बजट वाली शादी ही मिली. वक्त के साथ महंगे बजट वाली शादियों के ऑर्डर भी मिलने लगे.

चौंक जाते हैं लोग

चार वर्षो में 15 हजार के बजट वाली बर्थ-डे पार्टी ऑर्गनाइज करने से शुरू हुआ यह व्यवसाय आज करोड़ों के बजट वाली शादियां आयोजित करने तक पहुंच चुका है. ऐसे में जब मैं किसी को बताती हूं कि मैंने इस व्यवसाय की शुरुआत शून्य लागत से की थी, तो वे चौंक जाते हैं. लेकिन यह सच है कि मैंने इस व्यवसाय की शुरुआत करने के लिए किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं ली. मैं हमेशा एडवांस लेकर काम करती थी. उसी पैसों से पार्टी की पूरी व्यवस्था करती थी. मुङो जो कुछ भी होता था, उसे अपने इस काम को आगे बढ़ाने के लिए बचा लेती थी. इसी तरह मेरा व्यवसाय आगे बढ़ा और एक दिन मैंने घर पर ही अपना एक ऑफिस सेटअप तैयार कर लिया.

Next Article

Exit mobile version