नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपए के सारदा चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच कराने और गरीबों को उनका पैसा लौटाने की मांग करते हुए आज वामदलों के सदस्यों ने संसद भवन के मुख्य द्वार पर धरना दिया. माकपा समेत वाममोर्चा के सदस्य चिट फंड घोटाले से जुड़ी कंपनी को राजनीतिक संरक्षण देना बंद करने की भी मांग कर रहे थे.
सदस्य अपने हाथों में तख्तियां लिये हुए थे जिस पर लिखा था, ‘‘ नॉन बैंकिंग कंपनियों की गैर कानूनी गतिविधियों पर रोक लगाओ और आम लोगों द्वारा जमा धन तुरंत लौटाने की व्यवस्था करो.’’ धरने के बाद माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हम राज्य में चिट फंड घोटाले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि इस मामले की जांच सीबीआई, भारतीय रिजर्व बैंक और सेबी करे.
वाम दल सदस्य इस मामले में दोषियों को जेल भेजने और गरीबों का पैसा उन्हें लौटाने की व्यवस्था करने की भी मांग कर रहे थे. वाममोर्चा सदस्यों ने इस विषय को लोकसभा में उठाया और अध्यक्ष के आसन के समीप आकर पश्चिम बंगाल में सारदा चिट फंड घोटाले की सीबीआई जांच कराने और गरीबों का पैसा लौटाने की मांग करने लगे.
चिटफंड घोटाला :तृणमूल ने कांग्रेस पर साधा निशाना
करोडों रुपये के शारदा चिटफंड घोटले को लेकर आलोचना की शिकार हो रही राज्य की तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन द्वारा लिखे गये पत्र को लेकर अपने पूववर्ती सहयोगी कांग्रेस पर निशाना साधा.चिटफंड कंपनी घोटाला सामने आने के बाद सैकडों निवेशकों का भविष्य अधर में लटकने के बीच पश्चिम बंगाल और असम में जगह जगह प्रदर्शन हुए जबकि मामले के मुख्य आरोपी सुदीप्त सेन और दो अन्य को कोलकाता की एक अदालत ने 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
इस बीच सेन द्वारा सीबीआई को लिखे कथित पत्र में चेन्नई की वकील नलिनी चिदम्बरम का नाम लिये जाने पर तृणमूल कांग्रेस ने उनका नाम लिये बिना उनकी भूमिका पर सवाल खडे किये. केंद्रीय मंत्री की पत्नी वकील नलिनी चिदम्बरम के नजदीकी सूत्रों ने इन आरोपों का खंडन किया है कि उन्होंने शारदा ग्रुप पर पूर्वोत्तर के चैनल में निवेश करने के लिये दबाव बनाया था. उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि उन्होंने चैनल से कहा था कि वह शारदा ग्रुप से पैसे नहीं ले.
एक केंद्रीय मंत्री कांग्रेस के ए एच खान चौधरी पर भी तृणमूल कांग्रेस ने निशाना साधा. चौधरी ने सांसद रहते हुए शारदा ग्रुप के बारे में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था. चौधरी के इस्तीफे की मांग करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सितम्बर 2011 में चौधरी ने एक पत्र लिख कर शारदा ग्रुप के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग की थी लेकिन छह माह में ही वह पलट गये और कहा कि कंपनी को बख्श देना चाहिये.
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस को यह पता लगाना चाहिये कि ऐसा क्या हुआ कि छह माह के अंदर ही उसके सांसद ने अपना रुख बदल लिया. उधर चौधरी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस अपनी गलतियों को छुपाने के लिये कांग्रेस को घेरे में लेने की कोशिश कर रही है.