नकल के लिए अक्ल चाहिए

श्री और इश्क की जोड़ी इन दिनों ‘बेशरम’ के टाइटल ट्रैक के लिए सराही जा रही है. क्लासिक गीत-संगीत में माहिर श्री डी और हिप हॉप में अनुभवी इश्क बेक्टर इसे अपनी शुरुआत भर मान रहे हैं. उन्हें यकीन है कि आनेवाले समय में वे अपने गीत-संगीत से ज्यादा-से-ज्यादा लोगों का मनोरंजन करेंगे. उर्मिला से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2013 9:26 AM

श्री और इश्क की जोड़ी इन दिनों ‘बेशरम’ के टाइटल ट्रैक के लिए सराही जा रही है. क्लासिक गीत-संगीत में माहिर श्री डी और हिप हॉप में अनुभवी इश्क बेक्टर इसे अपनी शुरुआत भर मान रहे हैं. उन्हें यकीन है कि आनेवाले समय में वे अपने गीत-संगीत से ज्यादा-से-ज्यादा लोगों का मनोरंजन करेंगे. उर्मिला से हुई बातचीत के प्रमुख अंश:

‘बेशरम’ का टाइटल ट्रैक आपको कैसे मिला और कैसा रिस्पांस मिल रहा है?

श्री डी : ‘बेशरम’ के निर्माता हिमांशु हमारे परिचित लोगों में से एक हैं. उन्होंने टाइटल ट्रैक की जैमिंग के लिए हमसे बात की. हमने गाया लेकिन ऑफिशियल नहीं हुआ था कि हमारी आवाज ही इस गाने के लिए होगी. फिर अभिनव सर ने हमारा गाना सुना. उन्हें भी पसंद आया, लेकिन रणबीर ने गाना सुनते ही यह जिद पकड़ ली कि यह गाना तो होगा ही होगा.

इश्क बेक्टर: अब तक का रिस्पांस अच्छा है. यह एक क्लब सांग है. लेकिन इसके बोल और बीट ठेठ हैं, क्योंकि रणबीर का किरदार फिल्म में ऐसा ही है.

अब तक बेशरम के दो अन्य गीतों पर कॉपी का इल्जाम लग चुका है.आपका क्या कहना है?

श्री डी: ‘लव की घंटी’ गीत का पूरा मुखड़ा ललित जी ने उठाया है, लेकिन इसमें कुछ गलत नहीं है, क्योंकि वह इटली का लोकगीत है. लोकगीत पर किसी का कोई हक नहीं होता है. इससे पहले ‘तेरी मेरी प्रेम कहानी’ भी रोमानिया के लोक संगीत से प्रभावित था. लोक संगीत को जो चाहे अपने अंदाज में उसे पेश कर सकता है.

इश्क बेक्टर: श्रीडी की बात से मैं सहमत हूं कि लोक संगीत सभी के लिए है, लेकिन यह भी कहूंगा कि नकल करने के लिए भी अक्ल होनी चाहिए. अगर किसी दूसरे के संगीत से प्रभावित होकर आप कुछ उसमें अलग कर सकते हैं, तो नकल में बुराई नहीं है.

आपकी जोड़ी में से एक हिप हॉप में माहिर है, तो दूसरा क्लासिकल संगीत में. ऐसे में यह जुगलबंदी कैसी बनी? क्या आप दोनों में संगीत को लेकर मनमुटाव होता है?

श्रीडी – आपके पहले सवाल का जवाब मैं देता हूं, दूसरा इश्क देगा. भेजा फ्राइ 2 में इश्क का ही संगीत था. उन्होंने जैमिंग के लिए मुझे बुलाया. वह स्क्रैच में मेरी आवाज लेना चाहते थे. वहां हमारी पहली मुलाकात हुई थी. हमें एक-दूसरे का काम बहुत पसंद आया. इसके बाद हमने अपना बैंड बना लिया ‘श्री-इश्क’. हमने अब तक अपने म्यूजिक बैंक में 200 से भी अधिक गाने बनाये हैं. धीरे-धीरे ये गाने आपसे रूबरू होंगे.

इश्क बेक्टर: जहां तक बात मनमुटाव की है, तो संगीत को लेकर हमारे झगड़े होते हैं. कभी किसी बात को लेकर वो नहीं मानता, कभी मैं नहीं मानता. हमने पहले ही तय कर लिया था कि जब तक किसी मसले पर एक राय नहीं बन जाती वह गाना मार्केट में नहीं आयेगा.

आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स कौन-कौन से हैं?

श्री डी : हमारी जोड़ी फिल्म ‘सत्या टू’ के टाइटल में साथ काम कर रही है.

इश्क बेक्टर : फिल्म के अलावा हम एड फिल्म्स व कई जिंग्लस भी कर रहे हैं.

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