बचावकर्मियों ने चीन के यांग्तेज नदी में डूबे जहाज को निकाला, मृतकों की संख्या हुई 82
जियान्ली : चीनी बचावकर्मियों ने यांग्तेज नदी में डूबे क्रूज जहाज को दो बचाव पोतों और बडी क्रेनों की मदद से एक ओर से निकाल लिया है. जहाज डूबने की इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढकर 82 हो गई है. सरकारी टीवी पर फुटेज में दिखाया गया कि जहाज को एक ओर से […]
जियान्ली : चीनी बचावकर्मियों ने यांग्तेज नदी में डूबे क्रूज जहाज को दो बचाव पोतों और बडी क्रेनों की मदद से एक ओर से निकाल लिया है. जहाज डूबने की इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढकर 82 हो गई है. सरकारी टीवी पर फुटेज में दिखाया गया कि जहाज को एक ओर से पानी के उपर उठा लिया गया है. इसे उठाकर वापसी इसकी सामान्य स्थिति में रखा जाना था. जो हिस्सा पानी से निकाला गया, उसपर चीनी भाषा में ‘ईस्टर्न स्टार’ लिखा हुआ दिखाई दे रहा था.
परिवहन मंत्रालय के अनुसार, खोज एवं बचाव दल ने डूबे हुए जहाज को ठीक करके रखने का काम कल रात आठ बजे शुरू किया. जहाज को उन बडी-बडी क्रेनों की मदद से उठाया गया, जो पूरे पोत को उठा पाने और सीधा करके रखने में सक्षम हैं. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि गोताखोरी, बचाव, राहत एवं जहाज डिजाइन के क्षेत्र में देशभर के विशेषज्ञ मदद उपलब्ध करवाने के लिए घटनास्थल पर मौजूद हैं.
इसी बीच बचावकर्मियों को पांच और शव बरामद हुए हैं. इसके साथ ही चीन की अब तक की सबसे बडी नौवहन आपदाओं में से एक इस घटना में मरने वालों की संख्या बढकर 82 हो गई. जहाज पर सवार 456 लोगों में से सिर्फ 14 लोगों को ही जीवित बचाया गया. डूबे हुए जहाज के 350 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं. ऐसा माना जा रहा है कि कई यात्री डूब गये हैं या नदी के बहाव में बह गये हैं. 2200 टन के इस जहाज को उठाने के लिए दो बचाव पोत बडी क्रेनों के साथ लगाये गये थे.
जहाज को उठाये जाने की प्रक्रिया के बाद जहाज को उसकी मूल स्थिति में लाया जा रहा था ताकि बचाव दल जीवित बचे लोगों की तलाश जहाज के हर हिस्से में कर सकें और वहां पडे शवों को निकाल सकें. अपने लापता परिजनों की किसी खोज-खबर के इंतजार में बेचैन होकर विरोध प्रदर्शन करने वाले 1200 से ज्यादा लोगों को यहां लाया गया है.
अधिकारी इन गुस्साए परिजनों को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं. इनमें से कुछ लोगों ने घटनास्थल के पास विरोध प्रदर्शन किया और सूचना हासिल करने के लिए पुलिस के घेरे को भी तोड दिया. इस क्षेत्र में लाये जाने के बाद इन लोगों पर नजर रखी जा रही है. नदी के तट तक न जाने दिये जाने के कारण इन लोगों में निराशा है.