गुस्सा करना आप भी छोड़ सकते हैं

।। दक्षा वैदकर।।हम सभी को ‘गुस्सा आना’ बहुत आम बात लगती है. हमें लगता है कि गुस्सा नहीं करेंगे, तो काम होगा ही नहीं, बच्चे पढ़ाई करेंगे ही नहीं, नौकरानी ठीक से सफाई करेगी ही नहीं.. यानी गुस्सा आना तो बहुत जरूरी है. हम यह भी जानते हैं कि गुस्सा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2013 2:49 AM

।। दक्षा वैदकर।।
हम सभी को ‘गुस्सा आना’ बहुत आम बात लगती है. हमें लगता है कि गुस्सा नहीं करेंगे, तो काम होगा ही नहीं, बच्चे पढ़ाई करेंगे ही नहीं, नौकरानी ठीक से सफाई करेगी ही नहीं.. यानी गुस्सा आना तो बहुत जरूरी है. हम यह भी जानते हैं कि गुस्सा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इससे तरह-तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इससे लोगों के साथ हमारे संबंध भी बिगड़ते हैं. गुस्से के नुकसान पता चलने के बाद आप अब चाहेंगे कि गुस्सा आना बंद हो जाये. ऐसा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि गुस्सा क्यों आता है. गुस्सा तीन कारणों से आता है. पहला, हमें बीती हुई घटनाओं पर गुस्सा आता है. हम उस बात पर गुस्सा करते हैं, जो हो चुकी है. जिस पर अब कुछ नहीं हो सकता, फिर भी हम सोचते हैं कि ऐसा हुआ, तो आखिर क्यों हुआ?

दूसरा, जब हम लोगों को कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं और वे कंट्रोल नहीं होते. दरअसल, हमने दिमाग में सभी लोगों के लिए एक इमेज बना रखी है कि इस व्यक्ति को ऐसा व्यवहार करना चाहिए, इसे यह काम ऐसे करना चाहिए. जब सामनेवाला आपकी इमेज के मुताबिक काम या व्यवहार नहीं करता, तो आपको गुस्सा आता है. इसे दूर करने का यही तरीका है कि आप इस सत्य को जान लें कि हर व्यक्ति की अपनी अलग सोच है और आप किसी को भी कंट्रोल नहीं कर सकते. हां, आप प्रेरित जरूर कर सकते हैं.

तीसरा, यह गुस्सा हम खुद पर होते हैं. जब हम जान जाते हैं कि हमने गलती की है, हम खुद से लड़ने लगते हैं. उदाहरण, आप रेस्तरां में गये. आप ने कुछ ऑर्डर दिया. एक घंटा हो गया, लेकिन खाना नहीं आया. आपने वेटर को कहा कि खाना क्यों नहीं आया? वेटर ने जवाब दिया, ‘सॉरी सर, ऑर्डर ही भूल गया.’ आप उस वेटर को डांटते हैं और वो चला जाता है. अब इसके बाद आप खुद पर गुस्सा करते हैं, ‘मेरी ही गलती थी. अगर मैंने ऑर्डर देने के 10-15 मिनट बाद ही उस वेटर को दोबारा चेक किया होता, तो मुङो 45 मिनट ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता.’ इस गुस्से से बचने के लिए खुद को माफ करना सीखें. खुद से सवाल पूछें कि अभी गुस्सा करने से नुकसान किसका हो रहा है?

बात पते की..

-गलती हो जाने पर खुद को कोसना बंद करें. जो हो गया, सो हो गया. खुद को माफ करना भी उतना ही जरूरी है, जितना कि दूसरों को.

-जब भी गुस्सा आये, एक मिनट ठहरें व सोचें कि मैं गुस्सा क्यों कर रहा हूं और इससे आखिरकार नुकसान किसका हो रहा है. फिर आप गुस्सा नहीं करेंगे.

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