जीतने के लिए लडूंगा चुनाव : जेब बुश

मियामी : राष्ट्रपति पद की चुनावी दौड में पूरी ताकत के साथ उतरते हुए जेब बुश ने कहा है कि बराक ओबामा के आठ साल के शासन के बाद ‘‘अमेरिका अब कुछ बेहतर का हकदार’’ है. दो पूर्व राष्ट्रपतियों के परिवार से आने वाले जेब बुश उन लोगों के वोट भी हासिल करना चाहते हैं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2015 11:27 AM

मियामी : राष्ट्रपति पद की चुनावी दौड में पूरी ताकत के साथ उतरते हुए जेब बुश ने कहा है कि बराक ओबामा के आठ साल के शासन के बाद ‘‘अमेरिका अब कुछ बेहतर का हकदार’’ है. दो पूर्व राष्ट्रपतियों के परिवार से आने वाले जेब बुश उन लोगों के वोट भी हासिल करना चाहते हैं, जो उनकी राजनीतिक वंशावली को संशय की निगाह से देखते हैं.

व्हाइट हाउस तक पहुंचने की इस दौड के लिए बुश ने कल मियामी डेड कॉलेज में अपने नामांकन की औपचारिक घोषणा की. उन्होंने इस घोषणा के लिए विविधताओं से भरे इस विश्वविद्यालय का चयन करते हुए यह संकेत दिया है कि वह 2016 के चुनाव के लिए एक समावेशी अभियान चलाने का इरादा रखते हैं.

बुश ने कहा, ‘‘मैंने तय कर लिया है. मैं अमेरिका के राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार हूं।’’ बुश की घोषणा पर भीड ने चिल्लाकर उनका समर्थन किया. जेब बुश के भाई और पिता राष्ट्रपति रह चुके हैं. बुश ने अपने राजनीतिक नजरिए और फ्लोरिडा के गवर्नर के रुप में अपने दो कार्यकालों को रेखांकित किया.

अपने द्वारा की गई 19 अरब डॉलर की कर कटौती की सराहना करते हुए बुश ने कहा, ‘‘हमने रोजगार सृजन और छोटे उद्योगों के सृजन में फ्लोरिडा को नंबर वन बनाया.’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि मैं इसे ठीक कर सकता हूं क्योंकि मैं पहले ऐसा कर चुका हूं.’’ बुश ने इस बात पर भी जोर दिया कि वह अपने पिछले रिकॉर्ड और परिवार के नाम पर निर्भर करने के बजाय हर जगह प्रचार करेंगे और वहां के मुद्दों का सामना करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी व्यक्ति या वस्तु को निश्चित नहीं मानूंगा. मैं दिल से लडूंगा. मैं जीतने के लिए चुनाव लडूंगा.’’ अपने रिकॉर्ड को रेखांकित करने के साथ-साथ उन्होंने ओबामा प्रशासन की विदेश नीति पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ओबामा-क्लिंटन-केरी की टीम एक ऐसी विरासत छोडकर जा रही है, जिसमें संकट नियंत्रण में नहीं हैं, हिंसा का विरोध नहीं हुआ, शत्रु तय नहीं हैं, मित्रों का बचाव नहीं है और गठबंधन विफल हो रहे हैं.’’उन्होंने कहा, ‘‘आप और मैं जानते हैं कि अमेरिका इससे बेहतर का हकदार है.’’

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