ललित मोदी मामले में उपयुक्त नियमों से कार्य किया गया : ब्रिटेन
लंदन : ब्रिटेन ने आज कहा कि इसने मनी लांड्रिंग के आरोपों में घिरे आइपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने में उपयुक्त तरीके से और नियमों के अनुरुप कार्य किया. ब्रिटेन के गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम व्यक्ति विशेष के मामलों के ब्योरों पर नियमित रूप से टिप्पणी […]
लंदन : ब्रिटेन ने आज कहा कि इसने मनी लांड्रिंग के आरोपों में घिरे आइपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने में उपयुक्त तरीके से और नियमों के अनुरुप कार्य किया. ब्रिटेन के गृह विभाग के प्रवक्ता ने बताया, ‘हम व्यक्ति विशेष के मामलों के ब्योरों पर नियमित रूप से टिप्पणी नहीं करते. यह मामला उपयुक्त नियमों के मुताबिक निपटाया गया.’ विभाग ने इस बात की भी पुष्टि की कि ब्रिटेन के ‘पर्मानेंट सेक्रेटरी’ इस बात से संतुष्ट हैं कि ब्रिटिश वीजा और आव्रजन मामलों की महानिदेशक सारा रैप्सन ने इस मामले का निपटारा करने में उपयुक्त और पेशेवराना तरीके से काम किया.’
लंदन में रह रहे ललित को पिछले साल जून में पुर्तगाल जाने के लिए दस्तावेजी काम को आगे बढाने के सिलसिले में भारतीय मूल के सांसद कीथ वाज से पत्र प्राप्त करने वाली रैप्सन वरिष्ठ अधिकारी थी. आइपीएल के संस्थापक उस विवाद के केंद्र में हैं जिसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज घिर गई हैं. सुषमा पर आरोप लगा है कि उन्होंने कथित तौर पर ललित की पत्नी के कैंसर के इलाज के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों पर उन्हें पुर्तगाल जाने के दस्तावेज मुहैया कराने के लिए कूटनीतिक दबाव डाला.
आइपीएल क्रिकेट टूर्नामेंट के कथित मैच फिक्सिंग और अवैध सट्टेबाजी में घिरने के आरोपों के बीच ललित 2010 में लंदन पहुंचे थे. बाद में उनका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया, जिसके चलते वह ब्रिटेन में ही रुक गए. ‘संडे टाइम्स’ की सिलसिलेवार खबरों में वाज की ओर से अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने ब्रिटिश गृह विभाग के अपने ईमेलों में एक जगह सुषमा का भी जिक्र किया है.
गौरतलब है कि ब्रिटेन के ‘पार्लियामेंटरी कमिश्नर फॉर स्टैंडर्ड्स’ ने कल इस बात की पुष्टि की थी कि सारा इस मुद्दे पर वाज की जांच नहीं कराएगी. पार्लियामेंटरी कमिश्नर फॉर स्टैंडर्ड्स ने कहा था कि आयुक्त को पिछले हफ्ते कीथ वाज के खिलाफ एक शिकायत मिली थी लेकिन इसकी जांच करने का फैसला नहीं किया गया. हालांकि, भारत में विवाद गहराता जा रहा है क्योंकि विपक्ष ने सुषमा के इस्तीफे की मांग की है.