मंगल के उल्का पिंडों में मिथेन से जीवन के संकेत

वाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के उल्कापिंडों में मिथेन के निशान पाये हैं. यह एक ऐसी खोज है, जो रक्ताभ ग्रह पर गर्म, नम और रासायनिक रूप से प्रतिक्रियाशील वातावरण की मौजूदगी की तरफ इशारा करती है. वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह से जुड़ी ज्वालामुखीय चट्टानों के उल्कापिंडों के नमूनों की जांच की है. उल्कापिंडों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2015 10:02 AM

वाशिंगटन : वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के उल्कापिंडों में मिथेन के निशान पाये हैं. यह एक ऐसी खोज है, जो रक्ताभ ग्रह पर गर्म, नम और रासायनिक रूप से प्रतिक्रियाशील वातावरण की मौजूदगी की तरफ इशारा करती है. वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह से जुड़ी ज्वालामुखीय चट्टानों के उल्कापिंडों के नमूनों की जांच की है. उल्कापिंडों में मंग्रल ग्रह के वायुमंडल के ही अनुपात और उसी समस्थानिक संरचना में गैसें पायी गयी हैं.

सभी छह नमूनों में मिथेन गैस पायी गयी है. इसकी पैमाइश पत्थरों को चूर कर और उससे निकलने वाली गैस को एक द्रव्यमान स्पेक्ट्रोमीटर से गुजार कर की गयी. वैज्ञानिकों के दल ने दो अन्य उल्कापिंडों की भी जांच की, जिनका कोई रिश्ता मंगल ग्रह से नहीं था. इन उल्कापिंडों में मिथेन की मात्रा अपेक्षाकृत कम थी. यह खोज संकेत देती है कि मंगल ग्रह की सतह के नीचे रहनेवाले जीवन के प्राथमिक रूप मिथेन का उपयोग भोजन स्नेत के रूप में करते हैं. अपनी धरती पर सूक्ष्मजीव अनेक तरह के माहौल में ऐसा करते हैं. भूगोल एवं भू-भौतिकी विभाग के येल विवि पोस्टडाक्टरल ऐसोसिएट सीन मैकमहोन ने बताया, ‘अन्य अनुसंधानकर्ता इन निष्कर्षो को वैकल्पिक पैमाइश उपकरण एवं तकनीक का उपयोग कर फिर से पेश करने के लिए उत्सुक होंगे.

’ आबरदीन विश्वविद्यालय के प्रो जॉन पारनेल ने कहा कि यह अनुसंधान एक मजबूत संकेत देता है कि मंगल की चट्टानों में मिथेन के विशाल भंडार हैं. मैकमहोन ने कहा, ‘अगर मंगल का मिथेन प्रत्यक्ष रूप से सूक्ष्मजीवों का पोषण नहीं भी करता है, तो यह गर्म, नम और रासायनिक रूप से प्रतिक्रियाशील वातावरण की मौजूदगी की तरफ इशारा करता है, जहां जीवन परवान चढ़ सकता है.’

उम्मीद

मंगल की सतह के नीचे रहनेवाले मिथेन का उपयोग भोजन स्नेत के रूप में करते हैं

धरती पर सूक्षम जीव भी कुछ माहौल में ऐसा करते हैं

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