इस्लामाबाद : 2008 के मुंबई आतंकवादी हमला मामले में सुनवाई कर रही पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक अदालत हमले के साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी समेत सात आरोपियों पर मुकदमे की कार्यवाही हफ्ते में दो बार चलाएगी. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत को दो महीने की समय सीमा दी थी. लखवी के एक वकील राजा रिजवान अब्बासी ने कहा, ‘मामले में तेजी के लिए अदालत ने हफ्ते में दो बार- बुधवार और गुरुवार को सुनवाई करने का फैसला किया है.’
इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने अप्रैल के मध्य में निचली अदालत को दो महीने में मुंबई हमले के मामले को सम्पन्न करने का आदेश दिया था. दो महीने की समयसीमा 15 जून को समाप्त हो गयी लेकिन मामले की गति में सुधार नहीं हुआ. अदालत ने चेतावनी भी दी थी कि अगर निचली अदालत समयसीमा में सुनवाई पूरी नहीं करती तो वह लखवी की जमानत को निरस्त कर देगी.
अदालत के एक अधिकारी ने कहा, ‘मामला समयसीमा में समाप्त नहीं हो सका और अब लखवी की जमानत अर्जी को खारिज करने की सरकार की याचिका पर विचार करने का फैसला इस्लामाबाद हाई कोर्ट का होगा.’इस बीच निचली अदालत ने आज चार गवाहों को 24 जून को अगली सुनवाई में पेश होने के लिए समन भेजा. अदालत के अधिकारी ने कहा, ‘दो गवाह आज नहीं आ सके, जिन्हें आतंकवाद निरोधक अदालत, इस्लामाबाद में बयान दर्ज कराने थे.
इसलिए न्यायाधीश ने अगले बुधवार तक सुनवाई स्थगित कर दी और चार गवाहों को समन भेजा.’ अदियाला जेल, रावलपिंडी में सुनवाई की गयी. लाहौर हाई कोर्ट ने एक सुरक्षा संबंधी कानून के तहत लखवी की हिरासत को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद वह 10 अप्रैल को उच्च सुरक्षा वाली जेल से बाहर निकला. निचली अदालत ने पिछले साल दिसंबर में लखवी को जमानत दी थी. 55 वर्षीय लखवी अपनी रिहाई के बाद से अज्ञात स्थान पर रह रहा है. उस पर और छह अन्य लोगों पर नवंबर, 2008 में मुंबई हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने का आरोप है.