सच कहें, लेकिन थोड़ी समझदारी के साथ

दक्षा वैदकर एक देश का राजा बदसूरत और काना था. एक बार उसके मन में आया कि क्यों न वह किसी अच्छे चित्रकार से अपना चित्र बनवाये. एक प्रसिद्ध चित्रकार को राजा का चित्र बनाने के लिए बुलवाया गया. चित्रकार ने सोचा कि राजा तो काना है, उसे यदि मैं काना बना दूंगा, तो वह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2015 5:10 AM
दक्षा वैदकर
एक देश का राजा बदसूरत और काना था. एक बार उसके मन में आया कि क्यों न वह किसी अच्छे चित्रकार से अपना चित्र बनवाये. एक प्रसिद्ध चित्रकार को राजा का चित्र बनाने के लिए बुलवाया गया. चित्रकार ने सोचा कि राजा तो काना है, उसे यदि मैं काना बना दूंगा, तो वह नाराज हो जायेगा और मुङो प्राणदंड देगा. यह सोच कर उसने राजा को सुंदर, दो आंखों वाला बना दिया. राजा ने जब यह देखा, तो क्रोधित हो गया और चित्रकार को दंड दे दिया. उसके अनुसार उसने राजा का नकली चित्र बना दिया था.
इसके बाद इस दूसरे देश के प्रसिद्ध चित्रकार को बुलाया गया.
उस चित्रकार ने सोचा कि राजा का हूबहू चित्र बनाया जाये, ताकि राजा प्रसन्न हो कर उसे अच्छा-खासा इनाम दे. उसने राजा का जैसे का तैसा बदसूरत और काना चित्र बना दिया. राजा ने चित्र देखा, तो खूब क्रोधित हुआ और उसे भी दंड दिया, क्योंकि राजा के मुताबिक चित्र में राजा ज्यादा बदसूरत और खूंखार नजर आ रहा था. फिर एक और चित्रकार तलाशा गया. उसने राजा को देखा, तो उसका चित्र बनाने ने पहले अपना दिमाग लगाया. फिर उसने बड़ी मेहनत से राजा का चित्र बनाया जिसे देख राजा प्रसन्न हुआ और उसे मुंह मांगा इनाम दिया.
दरअसल, उस चित्रकार ने इस चित्र में राजा को तीर का निशाना साधते दिखाया था, जिसमें उसकी कानी आंख बड़ी सफाई और सुंदरता से छिप गयी थी. इस तरह चित्रकार ने सूझ-बूझ से राजा की कमी न छिपायी और और न ही खुल कर उसे जाहिर होने दिया. हमें भी इसी तरीके को अपनाना चाहिए.
कई बार सामने वाला हमसे उसके लुक्स की राय ले बैठता है. पत्नियां पूछ बैठती हैं, क्या मैं मोटी दिख रही हूं? पति पूछते हैं, मैं ज्यादा बुजुर्ग तो नहीं दिखने लगा?
ऐसे में अगर हम उन्हें साफ-साफ मोटा या बुजुर्ग कह देंगे, तो हो सकता है कि उन्हें चोट पहुंचे. और अगर हम झूठ कहेंगे, तो उनका हम पर से विश्वास उठ जायेगा, क्योंकि वे भी कहीं न कहीं इस सच्चई को जानते हैं कि वे मोटे व बुजुर्ग लग रहे हैं. बेहतर है कि हम इस बात को थोड़ा घूमा कर कहें, ताकि उन्हें बुरा न लगे.
बात पते की..
– किसी भी इनसान को यह पसंद नहीं होगा कि उसकी कमी उसे बतायी जाये या उसकी झूठी तारीफ की जाये. हर इनसान सच जानना चाहता है.
– लोगों को कमियां बताएं, लेकिन उसका भी एक तरीका होता है. यह सब जानते हैं कि सच कड़वा होता है, इसलिए उसे मिठाई के साथ देना चाहिए.

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