संयुक्त राष्ट्र : पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र से कहा है कि युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान में सीमा पार बाहरी देशों की मदद के बिना हजारों विदेशी लडाके ना तो प्रवेश कर सकते हैं और ना ही अपना आतंकी हमला जारी रख सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के दूत अशोक मुखर्जी ने अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) पर सुरक्षा परिषद चर्चा में भाग लेने के दौरान अफगानिस्तान की संसद पर कल हुए आतंकी हमले की कडी निंदा की.
उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान गृह मंत्रालय को संयुक्त राष्ट्र महासचिव के भेजे गये संदर्भ पर चिंता जताई जिसमें अफगानिस्तान में फिलहाल 7,180 विदेशी के मौजूद होने का अनुमान है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ताजा रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा, ‘यह जाहिर बात है कि वे अफगानिस्तान की सीमा पार बिना बाहरी देशों की मदद के वहां प्रवेश नहीं कर सकते अथवा ना ही आतंकी हमलों को जारी रख सकते हैं.’
इस रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि 2014 से हथियारबंद संघर्षों में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में खासतौर पर यह बताया कि इस दौरान 71 प्रतिशत हिंसा दक्षिणी, दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी हिस्सों में हुई है. मुखर्जी ने कहा, ‘ये आंकडे भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय हैं. यह केवल हमारे उन विचारों की पुष्टि करते हैं कि अफगानिस्तान में असुरक्षा और अस्थिरता का मुख्य स्त्रोत आतंकवाद है ना कि जातीय प्रतिद्वंद्विता या कबायली मतभेद.’