अमलेश नंदन
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भारतीय मूल के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के दावेदार बॉबी जिंदल के बारे में जानिए कुछ दिलचस्प तथ्य
अमलेश नंदन 2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. अमेरिका में नये राष्ट्रपति का चुनाव नवंबर 2016 में होगा, लेकिन अभी से ही वहां की दोनों बड़ी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. डेमोक्रेट्स की ओर से पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन प्रबल दावेदार […]
2016 में अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. अमेरिका में नये राष्ट्रपति का चुनाव नवंबर 2016 में होगा, लेकिन अभी से ही वहां की दोनों बड़ी पार्टियां चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. डेमोक्रेट्स की ओर से पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन प्रबल दावेदार हैं. उनके बाद उसी पार्टी से जो राष्ट्रपति की दावेदारी करें. वहीं दूसरी ओर रिपब्लिकंस की ओर से प्रथम सूची में भारतीय मूल के बॉबी जिंदल का नाम है. बॉबी ने पहले ही इस बात की पुष्टि कर दी है. बॉबी की पार्टी से जेब बुस भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं, जो पूर्व राष्ट्रपति जार्ज बुश जूनियर के भाई हैं.
अमेरिका के प्रशासकों में भारतीय मूल के व्यक्ति में बॉबी का नाम काफी प्रख्यात है. बॉबी ने अपने कामों से ना केवल जनता का बल्कि वहां के प्रशासकों का भी दिल जीता है. वर्तमान में बॉबी अमेरिकी राज्य लुसियाना के गवर्नर हैं. वे पिछले दो टर्म से वहां के गवर्नर हैं. बॉबी जिंदल एक अच्छे प्रशासक और समाज सुधारक माने जाते हैं. कई प्राकृतिक आपदाओं में जिंदल ने अपनी क्षमता से बढ़कर प्रबंधन कार्य को अंजाम दिया है. इन सब के बीच बॉबी जिंदल अपने बयानों को लेकर कई बार विवादों में रहे हैं.
बॉबी जिंदल का प्रारंभिक जीवन
बॉबी जिंदल का पूरा नाम पीयूष ‘बॉबी जिंदल’ है. जिंदल का जन्म बैटन रूज लुसियाना में एक प्रवासी भारतीय पंजाबी परिवार में हुआ था. बताया जाता है कि 1970 में बॉबी के पिता भारत मे उनके पैतृक गांव खानपुरा छोड़ कर अमेरिका चले आये थे. परिवार के अनुसार, जिंदल ने ‘बॉबी’ नाम ब्रैडी बंच टेलीविजन सीरियल के एक चरित्र बॉबी ब्रैडी के नाम पर रखा गया था. यह नाम जिंदल ने चार वर्ष की आयु में ही अपनाया था. कानूनी तौर पर उनका नाम पीयूष जिंदल है. जिंदल शुरू से ही अमेरिका में रहे और उनकी पढ़ाई भी अमेरिका में ही हुई है. शुरुआती दिनों से ही बॉबी पढ़ाई में काफी तेज थे. अर्थशास्त्र में उनकी गहरी रुचि थी.
बॉबी का धर्मांतरण
जन्म से बॉबी जिंदल एक हिंदू थे. लेकिन हाई स्कूल मे वे कैथोलिक संप्रदाय में परिवर्तित हो गये. जिंदल ने प्रोविडेंस रोड आइलैंड के ब्राउन विश्वविद्यालय से सार्वजनिक नीति और जीव विज्ञान के स्नातक की डिग्री हासिल की. बॉबी ने विशेष योग्यता के साथ स्नातक की. ब्राउन विश्वविद्यालय में बॉबी सोसायटी ऑफ पेसिफिका हाउस के एक सदस्य थे. जिंदल शुरू से ही एक राजनेता बनना चाहते थे.
बॉबी की शिक्षा और शादी
बॉबी जिंदल ने सार्वजनिक नीति और जीव विज्ञान से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद न्यू कॉलेज ऑक्सफोर्ड से राजनीति विज्ञान में स्नात्कोत्तर उपाधि ली. इसके लिए बॉबी को रोड्स स्कॉलरशिप मिली थी. ऑक्सफोर्ड के बाद बॉबी ने मैक्किंजे एंड कंपनी में काम करने लगे. मैक्किंजे एंड कंपनी एक परामर्शदाता फर्म है. 1996 में जिंदल ने सुप्रिया जॉली से शादी की. बॉबी के वर्तमान में तीन बच्चे हैं. इनके बच्चों का नाम सेलिया एलिजाबेथ, रॉबर्ट शान और स्लेड रयान है.
राजनीतिक जीवन
बॉबी जिंदल अमेरिकी राज्य लुसियाना के वर्तमान रिपब्लिकन गवर्नर हैं. अपने गवर्नर के रूप में चुने जाने से पहले वो अमरीकी राज्य लुसियाना की प्रतिनिधि सभा के एक सदस्य थे. 2004 के चुनाव में पहली बार एक भारतीय अमेरिकी बॉबी प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गये थे. जिंदल फिर से 2006 के चुनाव में चयनित हुए थे. अपने करियर की शुरुआत जिंदल ने पहली बार 1996 में लुसियाना के हेल्थ एंड हॉस्पिटल डिपार्टमेंट में सचिव की नौकरी के साथ की. जिस समय बॉबी डिपार्टमेंट के सचिव बने डिपार्टमेंट आर्थिक दिवालियापनके द्वार पर था.
दो साल अथक परिश्रम कर बॉबी ने डिपार्टमेंट में हुए घोटालों और फिजूलखर्ची का पता लगाया और डिपार्टमेंट का आर्थिक रूप से मजबूत बनाया. इसके बाद राजनेता बनने की महत्वकांक्षा और बॉबी के परिश्रम ने उन्हें पहली बार 20 अक्टूबर 2007 को लुसियान का गर्वनर बना दिया. बॉबी 54 % वोट के साथ लुसियाना के गवर्नर चुने गए. 36 वर्ष की आयु में जिंदल, संयुक्त राज्य अमेरिका के सबसे कम उम्र के गवर्नर बने. वह लुसियाना के पहले अश्वेत और अमेरिकी इतिहास में अमेरिका के प्रथम भारतीय अमेरिकी गवर्नर चुने गये. तब से अभी तक बॉबी वहां के गवर्नर हैं. गवर्नर बनने से पूर्व बॉबी ने 2005 में आये तूफान ‘कटरीना’ से हुई तबाही में राहत कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था.
बॉबी जिंदल के विवादित बोल
इसी साल फरवरी में बॉबी जिंदल के उस पोर्ट्रेट से अमेरिका में नस्ली विवाद पैदा हो गया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहे जिंदल को अपने वास्तविक रंग के बजाय एक श्वेत व्यक्ति के रूप में पेश किया गया था. जिंदल का यह पोर्ट्रेट 2008 से ही जिंदल के कैपिटोल आफिस में टंगा है. इसे लुसियाना के पेंटर टॉमी योव जूनियर ने उनकी तस्वीर से बनाया था. इस पोर्ट्रेट पर लोगों का ध्यान तब ज्यादा गया जब जिंदल के प्रमुख सहयोगी काइल प्लोटकिन ने ब्लागर व्हाइट की आलोचना करते हुए उन पर नस्ली उत्पीडन करने का आरोप लगाया. जिंदल साहब इसी साल जनवरी में यह कहकर काफी विवाद में रहे कि वे टुकडों में बंटी पहचान में विश्वास नहीं रखते और पूरी तरह अमेरिकी हैं. उन्होंने कहा था कि चार दशक पहले उनके माता-पिता भारत से अमेरिका में अमेरिकी बनने के लिए आए थे, भारतीय-अमेरिकी बनने नहीं.
उन्होंने अपनी भारतीय पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए प्रवासियों से यहां की सभ्यता के साथ घुलमिल जाने का आह्वान किया. जिंदल ने कहा था, ‘मेरे माता-पिता अमेरिकी सपने की खोज में आए थे और उन्होंने उसे पूरा किया. उनके लिए अमेरिका सिर्फ एक जगह नहीं थी, वह एक विचार था. मेरे माता-पिता ने मेरे भाई और मुझसे कहा था कि हम अमेरिका, अमेरिकी बनने आए हैं. भारतीय-अमेरिकी नहीं, सिर्फ अमेरिकी.’ भारतीय-अमेरिकी के रूप में पुकारा जाना पसंद न करने की वजह बताते हुए जिंदल ने कहा था, ‘यदि हम भारतीय ही रहना चाहते थे तो हमें भारत में ही रहना चाहिए था. ऐसा नहीं है कि उन्हें भारत से होने की शर्मिंदगी है, उन्हें भारत से प्यार है. लेकिन वे अमेरिका आए क्योंकि वे बडे अवसर और आजादी को खोज रहे थे.’
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