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ओबामा ने ओलोंद से कहा, आपकी जासूसी नहीं करा रहा अमेरिका

वाशिंगटन : व्हिसल ब्लोअर वेबसाइट विकिलीक्स की ओर से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा फ्रांस के तीन राष्ट्रपतियों की जासूसी को लेकर किए गए खुलासे पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्रांसवा ओलोंद को भरोसा दिलाया है कि अमेरिकी प्रशासन उनकी जासूसी नहीं करा रहा है. विकीलीक्स की रिपोर्ट सामने आने […]

वाशिंगटन : व्हिसल ब्लोअर वेबसाइट विकिलीक्स की ओर से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा फ्रांस के तीन राष्ट्रपतियों की जासूसी को लेकर किए गए खुलासे पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने फ्रांसीसी समकक्ष फ्रांसवा ओलोंद को भरोसा दिलाया है कि अमेरिकी प्रशासन उनकी जासूसी नहीं करा रहा है. विकीलीक्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद ओबामा ने ओलोंद से फोन पर बातचीत कर इस संबंध में उनसे बातचीत करते हुए अपनी बात सामने रखी. इन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने साल 2006 से 2012 के बीच फ्रांस के तीन राष्ट्रपतियों की बातचीत रिकॉर्ड की थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने ओलोंद से कहा कि वह जासूसी के निशाने पर नहीं हैं और द्विपक्षीय संबंधों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. व्हाइट हाउस ने कहा, राष्ट्रपति ने इस बात को दोहराया कि हमने 2013 के आखिर में अपने फ्रांसीसी समकक्ष के साथ किए गए उस वादे पर कायम हैं कि हम फ्रांस के राष्ट्रपति के संवाद को निशाना नहीं बना रहे हैं और आगे भी नहीं बनाएंगे. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश एर्नेस्ट ने संवाददाताओं से कहा, हम बहुत स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि विदेशी खुफिया गतिविधियो को उसी स्थिति में अंजाम दिया जाता है जहां स्पष्ट रुप से राष्ट्रीय हित जुड़ा होता है.

इससे पहले खुफिया दस्तावेजों को जारी कर कई मामलों का खुलासा करने वाली वेबसाइट विकीलीक्स ने फिर एक खुलासा किया है कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा साल 2006 से 2012 के बीच तीन फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों की जासूसी कराई गयी. विकीलीक्स के मुताबिक तीन राष्ट्रपति याक शिराक, निकोलस सरकोजी और फ्रांसुआ ओलांद के आलावा यहां के कई मंत्रियों और राजदूतों की भी जासूसी करायी गयी. गौर हो कि अमेरिका एनएसए द्वारा जासूसी कराने का यह पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी अमेरिका ने कई देशों और उनके महत्वपूर्ण नेताओं की जासूसी करायी है. रुस, चीन, फ्रांस, भारत, जर्मनी जैसे कई देशों ने उनपर आरोप लगाये हैं कि अमेरिका अपनी एनएसए के माध्यम से कई देशों की जासूसी कराता है. इसमें इसका मकसद उन देशों की खुफिया जानकारी को प्राप्त करना होता है. मामला यहां तक भी पहुंचा है कि कुछ संगठनों ने मिलकर अमेरिका के इस रवैये पर उसके खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है.

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