नवाज शरीफ ने MQM को भारत से कथित कोष मिलने की जांच का दिया आदेश
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुत्तिहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) को कोष मिलने की जांच का आदेश दिया है क्योंकि एक खबर में दावा किया गया था कि भारत ने पार्टी को कराची में अशांति पैदा करने के लिए कोष और प्रशिक्षण देकर मदद की है. ‘पाकिस्तान एमक्यूएम रिसीव्ड इंडियन फंडिंग’ शीर्षक वाली […]
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मुत्तिहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) को कोष मिलने की जांच का आदेश दिया है क्योंकि एक खबर में दावा किया गया था कि भारत ने पार्टी को कराची में अशांति पैदा करने के लिए कोष और प्रशिक्षण देकर मदद की है. ‘पाकिस्तान एमक्यूएम रिसीव्ड इंडियन फंडिंग’ शीर्षक वाली एक खबर में बीबीसी ने दावा किया है कि उसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि एमक्यूएम के दो वरिष्ठ नेताओं ने कथित मनी लाउंड्रिंग की जांच कर रही ब्रिटिश पुलिस को बताया कि भारत ने प्रशिक्षण और कोष मुहैया किये हैं.
अधिकारियों के मुताबिक गृह मंत्री निसार अली खान और विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक तारिक फातमी ने शरीफ से प्रधानमंत्री आवास में यहां मुलाकात की और उन्हें खबर के बारे में जानकारी दी. शरीफ को बताया गया कि गृह मंत्रालय के संबद्ध विभाग रिपोर्ट के बाद जांच कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने सच्चाई का पता लगाने के लिए उपयुक्त जांच किये जाने का आदेश दिया है. बीबीसी की खबर ने पाकिस्तान में बवाल खडा कर दिया है.
लेकिन एमक्यूएम ने खबर को खारिज करते हुए इसे पार्टी को बदनाम करने का अभियान बताया. एमक्यूएम प्रवक्ता मुहम्मद अली सैफ ने बताया, ‘एमक्यूएम के खिलाफ अतीत में भी मीडिया में ऐसे आरोप लगाये गये हैं और बाद में आरोप लगाने वालों ने उन्हें वापस ले लिया.’ खबर के मुताबिक कथित मनी लाउंड्रिंग को लेकर एमक्यूएम की जांच कर रहे ब्रिटिश अधिकारियों को एक पाकिस्तानी सूत्र ने पार्टी के कथित भारतीय संपर्क के बारे में बताया था.
नेशनल असेंबली में 24 सदस्यों के साथ एमक्यूएम पाकिस्तान के सबसे बडे शहर कराची में एक वर्चस्ववाली राजनीतिक ताकत है. पार्टी को पाकिस्तान के मोहाजिर समुदाय का भारी समर्थन प्राप्त है. यह उर्दू भाषी समुदाय 1947 के विभाजन के दौरान पाकिस्तान चला गया था और ज्यादातर लोग कराची में बस गये. पार्टी के खिलाफ सैन्य कार्रवाई किए जाने के बाद इसके नेता अलताफ हुसैन 1992 में ब्रिटेन भाग गये थे. उन्हें 2002 में ब्रिटिश नागरिकता मिल गई थी.
इससे पहले दिन में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने आरोपों की जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि खबर सही निकलती है तो एमक्यूएम ने देशद्रोह किया है. खान ने जिन्ना अस्पताल में लू पीडितों से मिलने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,’ये गंभीर आरोप हैं, उनमें मूल रूप से यह दावा किया गया है कि एमक्यूएम ने देशद्रोह किया है.’