खैरा. सब पढ़ें सब बढ़ें इसी संगठन के साथ सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक और उत्क्रमित विद्यालयों को संसाधन युक्त किया जा रहा है. बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की कवायद की जा रही है. लेकिन यह सारी कवायद ठीक उसी तरह है जिस तरह किसी बगीचे में तरह-तरह के पेड़-पौधे लगा दिये गये है. लेकिन देखभाल के लिए माली ही नहीं. जहां कुछ ऐसा ही प्रखंड के सरकारी विद्यालय की स्थिति कुछ इस तरह है. जहां लाखों रूपये खर्च कर भवन बनाये गये. संसाधन मुहैया कराये गये. अधिक से अधिक बच्चों का नामांकन कराया जा रहा है. लेकिन बच्चा को पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी है. ना केवल प्रारंभिक शिक्षा,बल्कि माध्यमिक और उच्च शिक्षा की स्थिति की कमी के कारण बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लग रहा है. दंश में शिक्षा अधिकार अधिनियम लागू होने के कारण 6-14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया करना सरकार को दायित्व है. लेकिन इस कानून का यहां माहौल ही उड़ रहा है. प्रखंड के प्राथमिक,उत्क्रमित विद्यालय की संख्या लगभग 200 है. इनमें लगभग 90 हजार बच्चे अध्ययनरत है. वहीं इन सभी विद्यालयों में शिक्षकों को घोर अभाव है. जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इस संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी बालमुकंुद प्रसाद से पूछे जाने पर बताया कि प्रखंड के कुछ विद्यालय में शिक्षकों की कमी है. रिक्त पदों पर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया जल्द ही दूर की जायेगी.
शिक्षक की कमी से शिक्षा का हो रहा बंटाधार
खैरा. सब पढ़ें सब बढ़ें इसी संगठन के साथ सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक और उत्क्रमित विद्यालयों को संसाधन युक्त किया जा रहा है. बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की कवायद की जा रही है. लेकिन यह सारी कवायद ठीक उसी तरह है जिस तरह किसी बगीचे में तरह-तरह के पेड़-पौधे लगा दिये […]
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