अमेरिकी सीनेटरों ने कहा: मलाला पर हमला करने वालों को न्याय के दायरे में लाया जाए
वाशिंगटन : अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने नोबल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई पर हमले के मामले में जेल में बंद किए गए 10 में से आठ लोगों को बरी करने पर गहरी चिंता जताई है और पाकिस्तान से हमलावरों को न्याय के दायरे में लाने को कहा है. सीनेटरों मार्को रबियो और बारबरा […]
वाशिंगटन : अमेरिका के दो शीर्ष सीनेटरों ने नोबल पुरस्कार से सम्मानित मलाला यूसुफजई पर हमले के मामले में जेल में बंद किए गए 10 में से आठ लोगों को बरी करने पर गहरी चिंता जताई है और पाकिस्तान से हमलावरों को न्याय के दायरे में लाने को कहा है. सीनेटरों मार्को रबियो और बारबरा बॉक्सर ने अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत जलील अब्बास जिलानी को एक पत्र लिखकर कहा, ‘‘हम पाकिस्तान की सरकार से अपील करते हैं कि वह नृशंस हमला करने वाले हमलावरों को न्याय के दायरे में लाने के लिए अपने प्रयासों को पारदर्शी और सार्वजनिक तरीके से दोगुना करे.’’
सीनेटरों ने 29 जून को लिखे पत्र में कहा, ‘‘ पाकिस्तानी अधिकारियों ने बीती अप्रैल में घोषणा की थी कि एक गोपनीय सुनवाई के बाद मलाला के खिलाफ किए गए हमले के मामले में सभी 10 संदिग्ध दोषी पाए गए हैं और उन्हें 25 वर्ष कारागार की सजा दी गई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि हमें इन 10 लोगों के खिलाफ मामलों की सुनवाई में पारदर्शिता की कमी और सामान्य सूचना के अभाव को लेकर गंभीर चिंताएं हैं लेकिन हमें यह जानकर अच्छा लगा था कि पाकिस्तानी न्याय प्रणाली इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा देने के लिए सक्रिय रुप से काम कर रही है.’’
रबियो और बॉक्सर ने लिखा, ‘‘ इसीलिए हम हाल में आई मीडिया की उन रिपोटरें को लेकर विशेष रुप से चिंतित है जिनमें कहा गया है कि मलाला पर हमले के 10 में से आठ आरोपियों को इन आरोपों से वास्तव में बरी कर दिया गया है.’’ उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट पाकिस्तानी न्याय प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर बडी चिंताएं पैदा करती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ हम पाकिस्तानी न्याय प्रणाली से अनुरोध करते हैं कि वह इन 10 लोगों से जुडे मामलों के संबंध में एक ईमानदार और पारदर्शी तरीके से जानकारी मुहैया कराए और एक मासूम किशोरी पर बर्बर हमला करने वालों को न्याय के दायरे में लाने के लिए अपना महत्वपूर्ण कार्य जारी रखे.’’ मलाला पर 2012 में तालिबानी आतंकवादियों ने हमला किया था जिसके बाद मलाला और लडकियों की शिक्षा के समर्थन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोग आगे आए थे.