मॉस्को : संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों से जहां एक ओर पूरी दुनिया में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, वहीं दूसरी ओर सेंट्रल रूस में अधिकारियों ने इस पर रोक लगाने का निर्देश जारी कर दिया है. रूसी अधिकारियों के मुताबिक धार्मिक रूप से योग एक रहस्यमयी पद्धति है और इसका जादू-टोने से भी संबंध है.
जानकारी के मुताबिक सेंट्रल रूस में दो स्टूडियो में हठ योग की ट्रेनिंग दी जा रही थी. हठ योग में गहरी सांसें भरने के साथ ही कुछ कठिन आसन किए जाते हैं. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक सबसे पहले हठ योग को भगवान शिव ने अंजाम दिया था. हठ योग अमेरिका समेत विश्व के अन्य देशों में सबसे ज्यादा प्रचिलत आसनों में से एक है. रूसी मीडिया के मुताबिक औरा एवं इंगारा नामक स्टूडियो हठ योग के लिए स्टेडियम व मीटिंग हॉल किराए पर ले रहे थे. लेकिन अब उन्हें हठ योग के लिए सरकारी स्थानों का इस्तेमाल करने से रोक दिया गया है. इसके साथ ही दोनों स्टूडियो को ऐसा करने के लिए नोटिस भी दिया गया है. मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नये धार्मिक प्रचलन के प्रसार को रोकने के लिए यह आदेश दिए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने फिजिकल कल्चर ऐंड एजुकेशन डिपार्टमेंट के हेड को दिए नोटिस में कहा है कि यह अनिवार्य तौर पर धार्मिक कर्मकांड है और इसका जादू-टोने से भी संबंध है.
उल्लेखनीय है कि रूस में योग काफी प्रचिलत है. रूसी ऐक्ट्रेस इंद्रा देवी ने भारतीय गुरु से हठ योग सीखा था और उन्हें फस्र्ट लेडी ऑफ योगा कहा जाता था. 103 साल की उम्र में मरने से पहले उन्होंने यूरोप और अमेरिका में काफी लोगों को योग सिखाया. बीते 21 जून को पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर दुनिया भर में लाखों लोगों ने योग किया था. योग शरीर और मन को शांत रखने के लिए प्राचीन भारतीय शारीरिक और आध्यात्मिक व्यायाम के रूप में प्रचिलत है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ पर हजारो लोगों के साथ योग किया था. इस अवसर पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को 21 जून को योग दिवस घोषित करने पर शुक्रि या अदा किया था.