घर-घर शौचालय की मुहिम में जुटी
रांची: खुले में शौच पर रोक को लेकर पश्चिमी सिंहभूम की जलसहिया यासमिन समद राज्य की जल सहिया के लिए मिसाल हैं. श्रीमती समद ने अपने दृढ़ निश्चय की बदौलत आज अपने गांव गुमदापोखर में हर घर को शौचालय से जोड़ रही हैं. आज इस गांव के आधे से अधिक घरों में जहां शौचालय का […]
रांची: खुले में शौच पर रोक को लेकर पश्चिमी सिंहभूम की जलसहिया यासमिन समद राज्य की जल सहिया के लिए मिसाल हैं. श्रीमती समद ने अपने दृढ़ निश्चय की बदौलत आज अपने गांव गुमदापोखर में हर घर को शौचालय से जोड़ रही हैं. आज इस गांव के आधे से अधिक घरों में जहां शौचालय का निर्माण किया जा चुका है. वह भी बिना किसी सरकारी सहायता के. गुमदापोखर गांव में निर्मल भारत अभियान के तहत शौचालय अभियान की शुरुआत फरवरी 2013 में हुई. सबसे पहले यासमिन समद ने तांतनगर प्रखंड मुख्यालय में स्वयंसेवी संस्था महिला समाख्या सोसाइटी की ओर से जल सहियाओं को दिये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया.
प्रशिक्षण के बाद यासमिन समद ने अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त करने की मुहिम शुरू की. गांव के मुखिया जमीरा टोपनो के साथ मिल कर उन्होंने जागरूकता अभियान चलाया. फिर हर घर में शौचालय निर्माण शुरू कराया.
बिना मदद का निर्माण
गुमदापोखर में संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत 2200 रुपये से निर्मित शौचालयों की हालत दयनीय थी. गांव में ऐसे 27 शौचालय थे, लेकिन सभी अनुपयोगी. यासमीन ने अभियान की शुरुआत अपने घर से की. बिना किसी सहयोग के उन्होंने एक पिटवाले शौचालय के चारों और मिट्टी का स्ट्रकचर खड़ा किया व फूस की छत बनाया. शुरू में उपहास उड़ाया गया, पर बाद में सभी इनकी मुहिम के कायल हो गये.