ग्रीस का संकट गहराया, वित्तमंत्री यानिस वैरुफैकिस ने दिया इस्तीफा

एथेन्स : यूनान एक अनजान राह पर और यूरोप की साझा मुद्रा अनिश्चित भविष्य की ओर बढ गया है, क्योंकि मतदाताओं ने अपने देश की दिवालिया अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के एवज में अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं द्वारा की जा रही मांगों को सिरे से खारिज कर दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 6, 2015 10:39 AM

एथेन्स : यूनान एक अनजान राह पर और यूरोप की साझा मुद्रा अनिश्चित भविष्य की ओर बढ गया है, क्योंकि मतदाताओं ने अपने देश की दिवालिया अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के एवज में अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं द्वारा की जा रही मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है.वहीं, वित्तमंत्रीयानिस वैरुफैकिसने बेलआउट वोट को ठुकराने के बाद इस्तीफा दे दिया है.

यूनान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के एवज में अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं की शर्तों को लेकर किए गए जनमत संग्रह में 61 फीसदी मत इसके विरोध में और 39 फीसदी मत इसके पक्ष में पडे. गणना सभी 100 फीसदी मतों की हुई. चार दशक से अधिक के समय में पहली बार यूनान में यह जनमत संग्रह हुआ, वह भी ऐसे समय पर जब देश में वित्तीय लेनदेन पर कडी रोक लगी है. यह रोक जनमत संग्रह के आह्वान के बाद तेजी से बढते दिवालियापन को नियंत्रित करने के लिए पिछले सप्ताह लगाई गई.
सरकार के हजारों समर्थकों ने संसद के सामने सिन्ताग्मा चौक पर जश्न मनाते हुए यूनान के ध्वज लहराए और वे जोर जोर से नहीं, नहीं, नहीं कह रहे थे. एशियाई बाजारों की शुरुआती ट्रेडिंग से निवेशकों को खतरे का संकेत मिल गया था क्योंकि स्टॉक सूचकांक में तेजी से गिरावट आ गई थी. प्रधानमंत्री एलेक्सिस त्सिप्रास के लिए यह एक निर्णायक जीत है जिनकी पांच माह पुरानी गठबंधन सरकार का भविष्य दांव पर लगा था.

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