पंचायतनामा, यूनिसेफ और सर्ड की ओर आमंत्रित की गयी थीं प्रविष्टियां, सर्ड में आयोजित दो दिवसीय समारोह में विकास आयुक्त के हाथों सम्मानित हुईं महिला पंचायत प्रतिनिधि
पंचायतनामा डेस्क
पिछले दिनों पंचायतनामा, सर्ड और यूनिसेफ की ओर से बेहतर काम-काज करने वाली महिला पंचायत प्रतिनिधियों से प्रविष्टियां आमंत्रित की गयी थीं. इन प्रविष्टियों के आधार पर चयनित 29 महिला पंचायत प्रतिनिधियों को गांधी जयंती के मौके पर राज्य ग्रामीण विकास संस्थान, रांची के परिसर में पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर वहां दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया था.
बापू की प्रतिमा पर माल्यार्पण
महिला पंचायत प्रतिनिधियों को राज्य के विकास आयुक्त एके सरकार के हाथों सम्मानित किया गया. इस दौरान उन्होंने सर्ड परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया. इस मौके पर सर्ड के निदेशक आरपी सिंह, यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जॉब जकारिया एवं प्रोग्राम ऑफिसर कुमार प्रेमचंद भी मौजूद थे. समारोह का संचालन झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर के राज्य समन्वयक डा विष्णु राजगढ़िया ने किया.
विकास में पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण
विकास आयुक्त एके सरकार ने राज्य के विकास में पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए कहा कि राज्य की जिन महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है, उन्हें सम्मानित करने के माध्यम से राज्य में विकास की नयी दिशा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने सर्ड एवं यूनिसेफ द्वारा राज्य की पंचायतों को मजबूत करने की दिशा में किये जा रहे प्रयासों को उल्लेखनीय बताया. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा पंचायतों को शक्तियों का हस्तांतरण किया जा चुका है तथा कुछ अन्य विभागों द्वारा इस दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं. श्री सरकार ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को अपने अधिकारों का सकारात्मक उपयोग करने की दिशा में आगे आना चाहिए.
सर्ड का 59वां स्थापना दिवस
सर्ड के निदेशक आरपी सिंह ने सर्ड के 59वें स्थापना समारोह के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम को राज्य में पंचायती राज को मजबूत करने की दिशा में प्रयास बताया. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी. उसे आज झारखंड की पंचायतें साकार कर रही हैं.
रिसोर्स सेंटर अच्छा कदम : जकारिया
यूनिसेफ के राज्य प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा कि साल भर पहले यूनिसेफ एवं सर्ड द्वारा स्थापित झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर एक अच्छा प्रयोग साबित हुआ है. सर्ड के उपनिदेशक महादेव
धान ने पंचायत प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए सम्मान समारोह के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला.
पहले दिन उपलब्धियों पर चर्चा
सेमीनार के पहले दिन एक अक्तूबर को पंचायतों की उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा की गयी. इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों और पंचायतों के उन्नीयन के लिए कार्यरत संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने पंचायतों की उपलब्धियों पर विस्तार चर्चा की. उन्होंने बताया कि किस तरह सीमित संसाधनों में भी पंचायत बेहतर काम कर रहे हैं. कार्यक्रम का संचालन कर रहे महिला पंचायत रिसोर्स सेंटर के समन्वयक डॉ. विष्णु राजगाढ़िया ने कहा कि यह देखना अपने आप में सुखद अहसास है कि पहले हमेशा सड़क, भवन और मनरेगा की बात करने वाले पंचायत प्रतिनिधि अब आंगनबाड़ी, कुपोषण, खेती और छोटे-छोटे मगर महत्वपूर्ण मुद्दों की बात कर रहे हैं. इन छोटे-छोटे मुद्दों पर काम करना आसान है, और इनसे विकास की बेहतर बुनियाद रखी जा सकती है.
60 पंचायतों का बनेगा वेबसाइट
इस मौके पर सेमीनार में उपस्थित यूनिसेफ के कार्यक्रम अधिकार कुमार प्रेमचंद्र ने पंचायतों को आधुनिक सूचना तकनीक से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि वे यूनिसेफ की ओर से 60 से अधिक पंचायतों का अपना वेबसाइट तैयार कराने की जिम्मेदारी लेते हैं.
100 आदर्श ग्राम बनाने की जिम्मेदारी
इस मौके पर उन सौ गांवों को आदर्श बनाने के लिए भी पंचायतों से आह्वान किया गया, जिन्हें आदर्श बनाने की जिम्मेवारी राज्य सरकार ने ली थी. मगर पंचायतों को इसमें भागीदार नहीं बनाये जाने के कारण वह काम अभी तक ठप पड़ा है. पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की गयी कि वे अब इन गांवों को आदर्श ग्राम का स्वरूप देने के लिए आगे आयें. समारोह में सर्ड की उपनिदेशक सुमन किस्पोट्टा, फेकेल्टी दीपंकर श्रीज्ञान, एसपी सिंह, मीनी रानी शर्मा, अशोक साह, राजीव रंजन, यूनिसेफ कन्सल्टेंट सुबीर कुमार दास एवं रिचा चौधरी, पंचायत विशेषज्ञ अजीत कुमार सिंह के अलावा विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.