बिजनेस में गलती करना भी है जरूरी

एक फेमस लाइन है कि यदि आप गलतियां नहीं कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप कुछ नया भी नहीं कर रहे हैं. हालांकि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि कुछ भी नया करने के लिए गलती करना जरूरी ही है. बल्कि इसका मतलब यह समझना चाहिए कि जब भी आप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2015 11:37 PM

एक फेमस लाइन है कि यदि आप गलतियां नहीं कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप कुछ नया भी नहीं कर रहे हैं. हालांकि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि कुछ भी नया करने के लिए गलती करना जरूरी ही है.

बल्कि इसका मतलब यह समझना चाहिए कि जब भी आप कोई नया काम करने जा रहे हैं, तो आपमें गलतियां करने, रिस्क उठाने और हो चुकी गलतियों से सीख लेने का जज्बा होना चाहिए. आपको समझना होगा कि बिजनेस में सही फैसला लेना जरूरी है, लेकिन आप यह उम्मीद नहीं रख सकते कि आपको हर पहलू, हर पक्ष पता होगा, तभी आप फैसला ले पायेंगे.

कुछ अनिश्चितता तो जीवनभर बनी रहती है, ऐसे में सब कुछ जानने के इंतजार में फैसले रोक कर रखना गलत होगा. अपने बिजनेस में नया जरूर करते रहें. गलती के डर से आप अपने बिजनेस का प्रवाह रोक देते हैं. आपको लगता है कि आप पुराने प्रोजेक्ट्स में माहिर हैं और पुरानी तकनीकें काम कर रही हैं, तो बेवजह कंफर्ट जोन से बाहर जा कर नये पन के फेर में क्यों फंसा जाये.

कहीं गलती हो गयी तो? ऐसी स्थिति से बचें और लगातार कुछ न कुछ नया जरूर करते रहें. दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने अपने स्तर पर रिस्क लिए और उनके कई फैसले गलत भी साबित हुए, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि उन्होंने दोबारा कभी रिस्क लेना ही छोड़ दया. इमेज के चक्कर में अपनी तरक्की को बाधित न करें. हर समय पुराने तरह का काम करते रहने से भी तो इमेज कमजोर होती ही है. तो क्यों न गलती का रिस्क लेकर कुछ नया किया जाये. बहुत लोग सोचते हैं कि गलती करने वालों को कमजोर माना जाता है, लेकिन सच्चई तो यह है कि गलती करने वाले लोग, सीखने के मामले में, कभी गलती न करने वालों से ज्यादा बेहतर साबित होते हैं.

गलती न करने वालों में एक अहंकार आ जाता है कि हम तो गलती कर ही नहीं सकते और यहीं वे गलती कर जाते हैं, जबकि पहले गलती कर चुके लोग नम्रता के साथ नयी चीजें सीखने के लिए तैयार रहते हैं. यह एटीट्यूड उन्हें फायदा दे जाता है.

बात पते की..

इस बात का जरूर ध्यान रखें कि बिजनेस में आप एक ही गलती बार-बार न दोहराएं. इस बात का फायदा आपके प्रतिद्वंदी उठा सकते हैं.

जब दुनिया में कोई परफेक्ट नहीं है, तो यह परफेक्शन का बोझ अपने ऊपर क्यों डालना. यह बोझ आपको अपने अनुसार जीने नहीं देता.

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