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भारत और ताजिकिस्तान आतंक के खिलाफ लडाई में बढाएंगे सहयोग

दुशान्बे : भारत और ताजिकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लडाई में परस्पर सहयोग बढाने का आज प्रण किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों ही देश ‘आतंकवाद के मुख्य स्रोत’ के समीप स्थित हैं. उनका इशारा पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ओर था.मोदी की ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामअली रहमान के साथ मुलाकात के दौरान दोनों […]

दुशान्बे : भारत और ताजिकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लडाई में परस्पर सहयोग बढाने का आज प्रण किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों ही देश ‘आतंकवाद के मुख्य स्रोत’ के समीप स्थित हैं. उनका इशारा पाकिस्तान और अफगानिस्तान की ओर था.मोदी की ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामअली रहमान के साथ मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढाने के अलावा रक्षा संबंध मजबूत करने पर भी सहमति बनी. छह देशों की आठ दिवसीय यात्रा के अंतिम चरण में यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामअली रहमान से मुलाकात की.

विविध क्षेत्रों में संबंध को नयी ऊंचाई मिलेगी

दोनों पक्षों ने विविध क्षेत्रों में संबंधों को नयी उंचाइयों पर ले जाने का संकल्प किया. दोनों पक्षों ने संस्कृति और कौशल विकास के क्षेत्र में दो समझौते किये. मोदी और रहमान ने रविन्द्रनाथ टैगोर की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी किया. मोदी कल रात ही किर्गिस्तान से ताजिकिस्तान पहुंचे हैं. यहां उनका परंपरागत स्वागत किया गया, जिसके बाद रहमान के साथ पहले अलग से और फिर प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हुई.

बातचीत के बाद रहमान के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नाम लिये बिना कहा, ‘हम आतंकवाद के मुख्य स्रोत के निकट स्थित हैं.’ उन्होंने कहा कि जब आतंकवाद का खतरा बढ रहा है, हमने अपने सहयोग को और बढाने का फैसला किया है. मोदी ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करना हमेशा से सहयोग का महत्वपूर्ण और उपयोगी क्षेत्र रहा है. मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग बढाने का फैसला किया. उन्होंने इसे सामरिक साझेदारी का मजबूत स्तंभ करार दिया.

अफगानिस्‍तान में शांति बहाल करने पर चर्चा

अफगानिस्तान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देश अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और संपन्नता को लेकर वहां की जनता की आकांक्षाओं का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि भारत और ताजिकिस्तान के क्षेत्र में सुरक्षा और संपन्नता के साझा हित हैं. बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने दुनिया के कई हिस्सों विशेषकर अपने पडोस में आतंकवाद और उग्रवाद के बढ रहे रुझान पर चर्चा की.

उनका मानना था कि इसकी वजह से भारत और ताजिकिस्तान के अलावा पूरे क्षेत्र के लिए खतरा पैदा हो गया है. दोनों नेताओं ने तय किया कि आतंकवाद के खिलाफ लडाई में सहयोग मजबूत करने के लिए आतंकवाद रोधी संयुक्त कार्यदल के ढांचे के तहत अधिकारी स्तर की वार्ताएं होंगी.

उन्होंने निर्देश दिया कि संयुक्त कार्यदल की बैठक जल्द हो. बयान में कहा गया कि मोदी और रहमान ने एक दूसरे की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग जारी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. इसमें बढ रहे आतंकवाद और उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए सूचना का आदान प्रदान शामिल है.

संयुक्‍त राष्‍ट्र द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय आतंकवाद पर व्‍यापक संधि की मांग

दोनों नेताओं ने काफी समय से लंबित अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक संधि को संयुक्त राष्ट्र द्वारा पारित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. मोदी ने उग्रवाद और कट्टरपंथ को रोकने तथा धर्म निरपेक्ष शासन सुनिश्चित करने के लिए ताजिकिस्तान के प्रयासों को सराहा. संयुक्त बयान में कहा गया कि मोदी ने शांति और स्थिरता बढाने के लिए ताजिकिस्तान की रक्षा क्षमताओं के विकास में भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी. रहमान ने भारत की सहायता का स्वागत किया.

बयान के मुताबिक मोदी ‘भारत-ताजिक फ्रेंडशिप हास्पिटल’ गये. ताजिकिस्तान के दक्षिण में स्थित ये अस्पताल द्विपक्षीय सामरिक साझेदारी का प्रतीक है. भारतीय डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ वाला ये अस्पताल ताजिकिस्तान में सैन्य एवं असैन्य नागरिकों के इलाज के लिए बनाया गया है. दोनों नेताओं ने भारत और ताजिकिस्तान के बीच कनेक्टिविटी बढाने के तौर तरीकों पर भी चर्चा की. वे उत्तर-दक्षिण परिवहन कारिडोर को प्रोत्साहित करने पर भी सहमत हुए.

ये कारिडोर मध्य एशिया को दक्षिण एशिया से जोडेगा. मोदी ने कहा कि ताजिकिस्तान मध्य एशियाई देशों में भारत के सबसे करीब है. हमारे बीच बस एक संकरा कारिडोर है. व्यापार और वाणिज्य की पूर्ण क्षमता से दोहन करने के लिए कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कनेक्टिविटी के अन्य उपायों से संबंध मजबूत होंगे. इस कडी में उन्होंने ईरान के चाहबहार बंदरगाह का जिक्र किया जो भारतीय निवेश से बन रहा है.

संयुक्‍त उपक्रम और निवेश को प्रात्‍साहित करने के उपाय पर चर्चा

प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त उपक्रम और निवेश को प्रोत्साहित करने के उपायों पर भी दोनों देशों ने चर्चा की. भावी रोडमैप को अंतिम रुप देने के लिए संयुक्त आयोग की बैठक जल्द होगी. उन्होंने कहा कि भारत और ताजिकिस्तान दोनों के लिए कृषि महत्वपूर्ण है और दोनों इस क्षेत्र में सहयोग करेंगे. दोनों नेताओं ने प्रस्तावित पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान त्रिपक्षीय ‘ट्रांजिट’ व्यापार समझौते के दायरे में भारत को शामिल करने की संभावनाओं पर विचार विमर्श किया.

दोनों का मानना है कि इससे ताजिकिस्तान और दक्षिण एशियाई क्षेत्र के बीच कारोबार में मदद मिलेगी. मोदी ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी का लगातार समर्थन करने हेतु ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति की सराहना की. शंघाई सहयोग संघ (एससीओ) की सदस्यता मिलने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे भारत और ताजिकिस्तान के बीच साझेदारी को नया आयाम मिलेगा. ताजिकिस्तान एससीओ का पहले से सदस्य है. उन्होंने रहमान को 17वीं सदी के भारतीय शायर अब्दुल कादिर बेदिल के मकबरे की मिनियेचर पेंटिंग भेंट की.

शायर अब्‍दुल कादिल बेदिल का परिचय

बेदिल को ताजिकिस्तान में विशेष तौर पर फारसी का महान शायर माना जाता है. पटना में 1644 में जन्मे बेदिल सूफीवाद से प्रभावित थे और उन्होंने शायरी के 16 संकलन निकाले. उनका निधन दिल्ली में हुआ था और बाग ए बेदिल में उनका मकबरा है. मिनियेचर पेंटिंग राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता दिल्ली के कलाकार जय प्रकाश ने बनायी है. बातचीत के बाद मोदी ने ताजिकिस्तान के संस्थापक की याद में बनाये गये इस्माइली सोमोनी स्मारक पर पुष्प अर्पित किये.

टैगोर की आवक्ष प्रतिमा के अनावरण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि ये संदेश जा रहा है कि भारत और ताजिकिस्तान केवल ‘संपत्ति और शस्त्र’ में ही नहीं बल्कि ‘शास्त्र’ में भी एक दूसरे से संबद्ध हैं, जिसकी वकालत नोबल पुरस्कार विजेता टैगोर ने की थी.

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