भारतीय सिख नेताओं ने अमेरिकी सरकार से की एसएफजे की शिकायत

वाशिंगटन : वरिष्ठ भारतीय सिख नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयार्क स्थित एक सिख अलगाववादी संगठन के खिलाफ धमकी देने और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी सरकार से उसकी शिकायत की. पंजाब की सत्ताधारी अकाली सरकार से निकटता वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2015 4:35 PM

वाशिंगटन : वरिष्ठ भारतीय सिख नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयार्क स्थित एक सिख अलगाववादी संगठन के खिलाफ धमकी देने और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी सरकार से उसकी शिकायत की. पंजाब की सत्ताधारी अकाली सरकार से निकटता वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयार्क स्थित सिख्स फार जस्टिस (एसएफजे) के खिलाफ विदेश विभाग को एक ज्ञापन सौंपा.

एसएफजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2002 के दंगों से उनके संबंध को लेकर उनके पिछले साल सितंबर में अमेरिका दौरे के समय एक मुकदमा दायर किया था. अमेरिका ने हालांकि कहा था कि मोदी को एक देश का राष्ट्राध्यक्ष होने के कारण इससे छूट प्राप्त है. इस संगठन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ भी 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर सितंबर 2013 में मुकदमा दर्ज कराया था जिसे अमेरिकी अदालत ने निरस्त कर दिया था.

मानवाधिकार उल्लंघन के आधार पर एसएफजे द्वारा हाल में दायर किये गये एक मुकदमे के आधार पर न्यूयार्क की एक अदालत ने हाल ही में मंजीत सिंह के खिलाफ सम्मन जारी किया था. दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश उपसचिव एलीन ओकानर को सौंपे गये अपने ज्ञापन में मंजीत सिंह ने एसएफजे पर न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

इस प्रतिनिधिमंडल में मनजिंदर सिंह सिरसा, अवतार सिंह हित, कुलवंत सिंह बाथ, गुरुदेव सिंह भोला, चमन सिंह और हरविंदर सिंह केपी शामिल थे. ज्ञापन में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार को ध्यानपूर्वक जांच करके इस तरह के संगठनों को दंडित करना चाहिए.

एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरुपतवंत सिंह पन्नुन ने एक बयान में कहा कि विदेश विभाग में एक ओछी शिकायत करना गंभीर आपराधिक और दीवानी मामला है. पुन्नन ने धमकी देते हुए कहा ‘हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जीके और सिरसा जो आगामी चुनाव में शिरोमणी अकाली दल के इशारे पर धन जुटा रहे हैं, उन्हें पुन: अमेरिका लौटने की अनुमति न मिले.’

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