भारत में ”राजनीतिक कैदियों” के मुद्दे पर लंदन में सिखों का विरोध प्रदर्शन

लंदन : ब्रिटेन में आज सैंकडों सिखों ने पार्लियामेंट स्कवैयर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए ब्रितानी सरकार के समक्ष भारत में मौजूद राजनीतिक कैदियों की आजादी से जुडे सवाल उठाये. प्रदर्शनकारियों ने हाउसेज ऑफ पार्लियामेंट के बाहर सडकें जाम कीं और दशकों से जेल में बंद सिख राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की. विरोध […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2015 12:07 PM

लंदन : ब्रिटेन में आज सैंकडों सिखों ने पार्लियामेंट स्कवैयर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए ब्रितानी सरकार के समक्ष भारत में मौजूद राजनीतिक कैदियों की आजादी से जुडे सवाल उठाये. प्रदर्शनकारियों ने हाउसेज ऑफ पार्लियामेंट के बाहर सडकें जाम कीं और दशकों से जेल में बंद सिख राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की. विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले समूह सिख फेडरेशन यूके ने कहा, उनमें से कई लोग दशकों से जेल में बंद हैं और उनकी उम्र लगभग 60 और 70 है.

उनके उचित व्यवहार एवं मानवीय आधार पर उन्हें रिहा कर दिया जाना चाहिए.’ इस समूह ने अपनी चिंताएं जताने के लिए ब्रितानी प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और ब्रिटेन के विदेश मंत्री फिलिप हेमंड को मई में पत्र भी लिखा था और विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय से मुलाकात भी की थी. यह विरोध प्रदर्शन में सिख कार्यकर्ता बापू सूरत सिंह का भी जिक्र किया गया, जो कि छह माह से ज्यादा समय से कथित तौर पर भूख हडताल पर हैं. 82 वर्षीय सिख कार्यकर्ता एक अमेरिकी नागरिक हैं और भारत में लगभग 180 दिन से भूख हडताल पर हैं.

इसकी वजह यह है कि जब उनका बेटा उन्हें अस्पताल में देखने के लिए गया तो पुलिस ने कथित तौर पर उसे दो माह के लिए हिरासत में ले लिया और उसे प्रताडित किया. उनका बेटा भी अमेरिकी नागरिक है. सिख फेडरेशन यूके ने कहा, ‘सिख राजनीतिक कैदियों का दुख ब्रितानी सिखों और विश्व भर के सिखों के लिए भावनात्मक मुद्दा है. बापू सूरत सिंह को यदि कुछ हो जाता है तो इससे और अधिक गुस्सा पैदा होगा और इसका नतीजा गंभीर अशांति के रूप में सामने आता है. भारत में पुलिस द्वारा अत्यधिक सख्ती बरती जाने की आशंका है और इसका नतीजा जिंदगियों के और अधिक नुकसान के रूप में सामने आएगा.’

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