जितना ज्यादा हो सके मतभेदों से दूर रहें
दक्षा वैदकर कहते हैं कि जहां दो बरतन होते हैं, वहां पर खटपट होती है. ग्रुप में, परिवार में, ऑफिस में, दो या उससे अधिक लोगों की सोच, उनकी समझ हर तरह से अलग होती है. लोगों के बीच ऐसे कई मुद्दों पर कभी-कभी मतभेद हो सकता है. कभी-कभी यह छोटे-छोटे मतभेद बड़ी-बड़ी बहस और […]
दक्षा वैदकर
कहते हैं कि जहां दो बरतन होते हैं, वहां पर खटपट होती है. ग्रुप में, परिवार में, ऑफिस में, दो या उससे अधिक लोगों की सोच, उनकी समझ हर तरह से अलग होती है. लोगों के बीच ऐसे कई मुद्दों पर कभी-कभी मतभेद हो सकता है.
कभी-कभी यह छोटे-छोटे मतभेद बड़ी-बड़ी बहस और लड़ाईयों का कारण भी बन जाते हैं. ऐसे में जितना हो सके, मतभेदों से दूर रहना चाहिए. ये मतभेद आपकी जिंदगी में हों या आपके नजदीकी रिश्तों में, इनसे बचना ज्यादा मुनासिब होता है.
कई बार हम आपसी मतभेद को मिटाने के लिए तीसरे की मदद लेते हैं और परिस्थितियां सुधरने की बजाय बिगड़ जाती हैं. इसलिए जितना हो सके, दो के बीच हुए मतभेद में तीसरे को न लायें. एक और बात याद रखें, बिना मतलब दूसरों के मामले में आप भी न घुसें, नहीं तो बाद में पछताना पड़ सकता है.
कई बार ऐसा भी होता है कि लोग जान-बुझ कर आपको झगड़े में खींचते हैं, बेहतर है कि आप ऐसी परिस्थितियों से दूर रहें. क्योंकि ज्यादा उलझने में हो सकता है कि गेहूं के साथ घुन भी पिस जाये. झगड़ों से बचने का एक तरीका यह है कि हमेशा दयालु बने रहें.
जिंदगी में झगड़े विभिन्न क्षेत्रों में आ सकते हैं. ऐसे में हर किसी को महत्व देने की बजाय उन्हें जितना हो सके, इग्नोर करना ही बेहतर होगा. मतभेद हमारी जॉब, परिवार, दोस्तों और रिश्तों में भी हो सकता है. जितना हो सके, उन मतभेद को लेकर सख्त रुख अपनाने की बजाय, दयालु रूप रखें. क्या पता इन मतभेदों से आप कोई सही हल निकाल लें.
इन सब में जरूरी बात यह कि अपनी सोच सकारात्मक रखें. नकारात्मक सोच और बेमतलब का ड्रामा आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थय के लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता है, इसलिए जितना हो सके, अपनी जिंदगी से इन दो चीजों को बेदखल करें. जिंदगी में ‘सुकून’ सबसे बड़ी चीज होती है, यह हम सभी जानते हैं इसलिए कहीं पर अगर मतभेद होते हैं, तो बिना बहस को बढ़ाए हुए आप चुपचाप वहां से हट जाएं. कभी-कभी बहस करने की जगह मतभेद वाली जगह से चुपचाप चले जाना ज्यादा फायदेमंद होता है.
बात पते की..
– मतभेदों को कम करने के लिए जो अन्य तरीका जिंदगी में सुकून ला सकता है, वो है कि आप एक शांतिदूत की तरह व्यवहार करें.
– बिना किसी बहस को जाने, उसमें बिना मतलब न कूदें. नहीं तो आप फिर उस बेकार, बेमतलब की बहस का हिस्सा हो जायेंगे.