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इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ब्रिटेन को थी ”वेस्टलैंड समझौता” समाप्त होने की आशंका

लंदन : ब्रिटेन की सरकार को अक्तूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इस बात की आशंका होने लगी थी कि उसका भारत के साथ 27 वेस्टलैंड 30 हेलीकॉप्टरों की खरीदारी संबंधी सौदा अटक सकता है. यह बात सार्वजनिक किए गए ब्रिटेन की सरकारी दस्तावेजों में सामने आई है. नेशनल आर्काइव्ज में रखे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2015 1:48 PM

लंदन : ब्रिटेन की सरकार को अक्तूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इस बात की आशंका होने लगी थी कि उसका भारत के साथ 27 वेस्टलैंड 30 हेलीकॉप्टरों की खरीदारी संबंधी सौदा अटक सकता है. यह बात सार्वजनिक किए गए ब्रिटेन की सरकारी दस्तावेजों में सामने आई है.

नेशनल आर्काइव्ज में रखे दस्तावेजों के अनुसार मार्गरेट थैचर सरकार के सदस्यों को डर था कि पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा समर्थित समझौते को लेकर भारत का रुख बदल सकता है. थैचर के विशेष सलाहकारों में शामिल पीटर वैरी ने इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद एक नवंबर 1984 को जारी एक पत्र में कहा था,’ इस सौदे को इंदिरा गांधी का समर्थन हासिल था और ऐसा संभव है कि उच्च स्तर पर यह समर्थन नहीं मिलने की स्थिति में फ्रांस हस्तक्षेप कर सकता है और करार हमारे हाथों से निकल सकता है.’

नयी दिल्ली में ब्रिटेन के उच्चायोग के साथ मिलकर ब्रिटेन के विदेश एवं राष्ट्रमंडल कार्यालय (एफसीओ) द्वारा तैयार किए गए पृष्ठभूमि का विवरण देने वाले दस्तावेजों में कहा गया है,’ वेस्टलैंड डब्ल्यू 30 हेलीकॉप्टरों की बिक्री संबंधी करार वार्ता के अंतिम चरणों में है…. भारत सबसे बडे संभावित बिक्री बाजारों में शामिल है जहां 1975 से 1.28 अरब पाउंड की रक्षा बिक्री हुई है.’

भारत में ब्रिटेन के तत्कालीन उच्चायुक्त रोबर्ट वेड ग्रे ने एक चेतावनी जारी की थी कि इंदिरा गांधी के निधन के बाद ब्रिटेन में ब्रिटिश सिखों द्वारा खुशियां मनाने का करार पर सीधा असर हो सकता है. उन्होंने तत्कालीन विदेश सचिव जेफ्री होवे को लिखा था,’ मौजूदा रक्षा करारों को रद्द करने समेत व्यापारिक बहिष्कार की भी बात चल रही है.’

उन्होंने कहा था कि इसका असर वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर करार पर भी पड सकता है. नयी दिल्ली में ब्रिटेन के उच्चायोग द्वारा तैयार गोपनीय प्रोफाइल में राजीव गांधी के बारे में भी कई दिलचस्प बातें सामने आई है. उसमें कहा गया था, ‘राजीव धीमे बात करने वाले, विनम्र और शर्मीले स्वभाव के इंसान हैं. वह बुद्धिजीवी नहीं है और न ही आवेश में आकर काम करते हैं. … वह मानसिक रुप से मजबूत हैं और दिखाते हैं कि उनकी एक स्वतंत्र सोच है. इस तरह वह कई तरह से अपनी मां की तरह है जैसी वह प्रधानमंत्री बनने से पूर्व थीं.’

इस प्रोफाइल में कहा गया है,’ राजीव ने एक इतालवी लडकी (जिसने 1983 में भारतीय नागरिकता ली) सोनिया से विवाह किया जिनसे वह 1968 में कैम्ब्रिज में मिले थे. सोनिया सुंदर एवं शांत हैं और राजनीति में उनकी रुचि नहीं है और वह स्पष्ट रुप से राजीव को घर पर सुरक्षा की भावना देती हैं. उनके इंदिरा गांधी से अच्छे संबंध हैं.’

थैचर ने मार्च 1985 में राजीव गांधी पर अंतत: सीधा दबाव बनाया था और कहा था,’ यदि वेस्टलैंड परियोजना नहीं हो पाती है तो हमें कई राजनीतिक और व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पडेगा. मैं उम्मीद करती हूं कि हमारे बीच जो सहमति बनी है, हम उस पर डटे रहेंगे.’ इसके अलावा ब्रिटेन की प्राथमिकता सूची में अन्य सौदे उतनी बडी चुनौती प्रतीत नहीं होते.

एमसीओ रिकॉर्डों में कहा गया है,’ एक नए बडे तोपखाने संबंधी करार पर निर्णय निकट है. ब्रिटिश एफएच70 मजबूत दावेदार है. करार का कुल मूल्य 80 करोड पाउंड है. हालांकि भारतीय सेना को जिन गुणवत्ताओं की आवश्यकता है वह एफएच 70 के पास हैं लेकिन प्रतियोगिता कडी है और इसके समर्थन में राजनीतिक हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है.’

उसमें कहा गया है,’ 11 सी हैरियर खरीदने में भारतीयों की दिलचस्पी है. यहां हमारे सामने कोई मुकाबला नहीं है.’ हालांकि संदेहास्पद वेस्टलैंड समझौता अंतत: आगे बढा लेकिन इसे बाद में इसमें शामिल अधिकारियों ने ‘धन की भयानक बर्बादी’ करार दिया. भारत ने 21 वेस्टलैंड 30 हेलीकॉप्टर खरीदे थे और इसके लिए धन ब्रिटेन के सहायता बजट से आया था और हेलीकॉप्टर खरीदने की शर्त पर इसे भारत को दिया गया था.

14 सीटों वाले वेस्टलैंड 30 हेलीकॉप्टर अत्यधिक अविश्वसनीय और वाणिज्यिक बर्बादी साबित हुए. भारत ने मशीनों में तकनीकी गडबडी पाए जाने पर सभी हेलीकॉप्टर ब्रिटेन को नौ लाख पाउंड के रद्दी के दाम बेच दिये थे.

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