मुंबई हमला मुकदमे में लखवी की आवाज के नमूने को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते : अभियोजक
इस्लामाबाद : मुंबई हमलों से जुडे मुकदमे में पाकिस्तान के एक शीर्ष अभियोजक ने कहा है कि लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर एवं मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी की आवाज के नमूनों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि पाकिस्तान में इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए […]
इस्लामाबाद : मुंबई हमलों से जुडे मुकदमे में पाकिस्तान के एक शीर्ष अभियोजक ने कहा है कि लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर एवं मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी की आवाज के नमूनों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि पाकिस्तान में इसकी प्रमाणिकता सिद्ध करने के लिए कोई कानून नहीं है.
मामले को चार साल तक देखने के बाद पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) का अब कहना है कि आवाज के नमूनों को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. मामले से जुडे एक वरिष्ठ अभियोजक ने डॉन अखबार से कहा, ‘हालांकि यह जांच में सहायक हो सकता है, लेकिन भारतीय खुफिया एजेंसी द्वारा कथित तौर पर रिकॉर्ड किये गये ऑडियो को सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत आवाज की प्रमाणिकता साबित की जा सके.’
उन्होंने कहा कि यद्यपि मौजूदा कानून इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत आरोपी को अपनी आवाज की ऑडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराने के लिए विवश किया जा सके और उपलब्ध नमूने से उसका मिलान किया जा सके.