राज्य सभा में सुषमा पर तीखी नोकझोंक
संसद में लगाातार 14वें दिन हंगामा जारी है. राज्य सभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले 14 दिनों से सुषमा स्वराज के ख़िलाफ़ जो-जो कहा गया उसे कार्यवाही से हटाएँ. इस पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सांसद इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि मीडिया ने कहा कि सुषमा स्वराज […]
संसद में लगाातार 14वें दिन हंगामा जारी है.
राज्य सभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पिछले 14 दिनों से सुषमा स्वराज के ख़िलाफ़ जो-जो कहा गया उसे कार्यवाही से हटाएँ.
इस पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सांसद इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि मीडिया ने कहा कि सुषमा स्वराज ने बयान दिया है. सभापति मीडिया को सलाह दें कि वो ये रिपोर्ट न करें.
जेटली ने कहा कि कांग्रेस ने मंत्री के ख़िलाफ़ निराधार आरोप लगाए हैं और अब कह रहे हैं कि मीडिया पर सेंसरशिप लगाई जाए.
इसबीच संसद में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार ने सर्वदलीय बैठक की लेकिन इसका भी कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पहले ही साफ़ कहा था कि जब तक इस्तीफ़ा नहीं होता, उनकी पार्टी संसद को नहीं चलने देगी.
प्रधानमंत्री मोदी पर सख़्त टिप्पणि करते हुए सोनिया ने कहा कि मन की बात करने वाले अपने मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मामले में मौन व्रत धारण कर लेते हैं.
विपक्ष विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफ़े पर अड़ा हुआ है.
लेकिन सरकार ऐसी किसी भी मांग को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है.
सांसदों का विरोध
इससे पहले सोमवार को जैसे ही संसद की कार्यवाही शुरू हुई हंगामा होने लगा. भारी हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों तो दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया गया.
लोकसभा में प्रश्न काल तो चल सका लेकिन इस दौरान लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे सांसदों से अपील की है कि वो प्लैकार्ड को किनारे रख दें.
लेकिन सांसद उनकी बात सुनने को तैयार नहीं थे. आख़िरकार प्रश्न काल की समाप्ति के बाद स्पीकर ने दोपहर दो बजे तक के लिए लोकसभा स्थगित कर दी.
राज्यसभा तो शुरू होने के कुछ ही देर बाद स्थगित कर दिया गया.
लेकिन इस दौरान कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि इस सदन को तब तक चलने नहीं दिया जा सकता जब तक प्रधानमंत्री इस मामले (ललित मोदी को कथित मदद) पर बयान नहीं देते.
लगातार चल रहे शोर के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपना बयान दिया.
उन्होंने कहा, "जिन तथ्यों के आधार पर बहस का नोटिस दिया गया है, वह निराधार हैं. मैंने कभी ललित मोदी के लिए ब्रिटिश सरकार से अनुरोध नहीं किया."
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