काबुल : तालिबान में नेतृत्व को लेकर बढते संकट पर अफगानिस्तान सरकार ने कहा है कि वह देश में मौजूद इस आतंकवादी समूह से भी अन्य ‘सशस्त्र विपक्षी’ की तरह ही निपटेगी. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के कार्यालय से जारी बयान में आज कहा गया है कि वह अफगान सरकार का विरोध करने वाली किसी भी ‘समानांतर राजनीतिक संरचना’ को मंजूर नहीं करेंगे.
बयान में तालिबान का जिक्र किया गया है जो अभी भी खुद को ‘इस्लामिक एमिरेट्स ऑफ अफगानिस्तान’ बताता है. तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच गति पकड रही शांतिवार्ता पिछले सप्ताह तब रुक गई जब अधिकारियों ने तालिबान के मुखिया मुल्ला मोहम्मद उमर के 2013 में मारे जाने की घोषणा की.
मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर तालिबान का नेता बना, लेकिन मुल्ला उमर के रिश्तेदारों ने उसकी नियुक्ति को चुनौती देते हुए समूह के सभी सदस्यों से पूर्ण समर्थन हासिल करने की मांग की है.