जागरूक हैं और दूसरों को सचेत कर रहे युवा वोटर
युवाओं को बड़े-बुजुर्ग भले राजनीति की कम समझ रखने वालों की श्रेणी में रखते हों, पर आज का युवा सिर्फ अपने जागरुक नहीं है, वह दूसरों को भी सचेत कर रहा है. उसे एक-एक वोट का महत्व पता है, इसलिए वह दूसरों को वोट करने के लिए प्रेरित भी कर रहा है. उसके लिए वोट […]
युवाओं को बड़े-बुजुर्ग भले राजनीति की कम समझ रखने वालों की श्रेणी में रखते हों, पर आज का युवा सिर्फ अपने जागरुक नहीं है, वह दूसरों को भी सचेत कर रहा है. उसे एक-एक वोट का महत्व पता है, इसलिए वह दूसरों को वोट करने के लिए प्रेरित भी कर रहा है. उसके लिए वोट देना पांच वर्ष में आने वाला सिर्फ शगल नहीं है. उसे मालूम है कि लोकतंत्र में वोट और चुनाव से होकर ही विकास का रास्ता आता है.
हर वोटर दे वोट
सबसे पहले मैं यह कहना चाहती हूं कि जिस किसी का नाम वोटर लिस्ट में है, उसे जरूर वोट देना चाहिए. हरेक नागरिक का यह कर्तव्य है कि अपने मत का प्रयोग करें. इसे बेकार न जाने दे. यह मताधिकार ही लोकतंत्र को सबल बनाने में अपनी भूमिका निभाता है. बिना लोगों की भागीदारी के दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतंत्र को मजबूत नहीं बना सकते. इसलिए लोगों को लोकतंत्र के इस उत्सव में शामिल होना चाहिए और अच्छे प्रत्याशियों को चुनना चाहिए, जो जनता की समस्याओं को समझ सके. क्षेत्र में विकास का काम हमेशा चलता रहे. जनता को समस्या बताना नहीं पड़े. हमलोगों को इस तरह का प्रतिनिधित्व करने वाला नेता और सरकार चाहिए. इस तरह की सरकार के लिए हर वोटर को वोट देना होगा.
अन्निका बनर्जी, एमबीए छात्र
जागरुक हो करें वोटिंग
चुनाव में विकास की बात होती है. क्या हमारी राजधानी की स्थिति बदली है. पटना में पार्किग नहीं है. हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. अतिक्र मण हटाने पर कभी ध्यान नहीं दिया गया. कुछ घंटों के लिए अतिक्र मण हटाया जाता है और पुन: स्थिति वैसी हो जाती है. यह बात समझ में नहीं आती कि अतिक्रमण दूर करने के लिए कोई ठोस योजना क्यों नहीं बनायी जाती? पटना जंकशन की सुंदरता खत्म हो गयी है. स्टेशन के पास बुद्धा पार्क की जरूरत पर गौर किया जाना चाहिए था. शिक्षा का स्तर भी कैसे बेहतर हो, इसकी चिंता किस राजनैतिक दल को है? बिहार में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है. ऐसे हालात को सुधारने का रास्ता सिर्फ जागरुक होकर वोटिंग करना ही है.
रूचि शर्मा, एमजेएमसी,पीयू
रोजगार देने वाली सरकार चाहिए
बिहार में शिक्षा व्यवस्था हाशिये पर है. कॉलेज व यूनिवर्सिटी में टीचरों की कमी है. उच्च शिक्षा पूरी तरह से बदहाल है. वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है, लेकिन स्टूडेंट्स को रोजगार नहीं मिलता है. कॉलेजों में प्लेसमेंट की व्यवस्था नहीं है. बिहार में रोजगार मिले, कंपनियां यहां स्थापित हों, तभी बेहतर माहौल बनेगा. हमें इस तरह की सरकार चाहिए जो यह सुविधा बहाल करे. यूनिवर्सिटी, कॉलेज से लेकर अस्पताल की हालत ठीक करने की जरूरत है. विकास की बात तो कोई नहीं कर रहा है. कोई पार्टी यह नहीं बता रही है कि सत्ता में आने के बाद वह क्या करेगी. इसलिए वोटरों को सोच समझकर ही मतदान करना होगा.
अंजलि सिंह
पहली बार करूंगी वोट
पहली बार वोटिंग करने का मौका मिलेगा. काफी खुश हूं. अच्छे उम्मीदवार को ही मेरा वोट जायेगा. बिहार में ऐसी सरकार बने जो शिक्षा व रोजगार सृजित करे. बिहार में लोगों को काम मिले और एक सुंदर बिहार का निर्माण हो. अपने राज्य को विकिसत करने में लोग अपनी पूंजी और श्रम लगाएं. चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कैंपेन शुरू कर दी है. इस बार का कैंपेन कुछ अलग है. इसबार
सभी दल एक-दूसरे को कमतर बताने में लगे हैं. बिहार में विकास हुआ है. लेकिन किस मायने में विकास हुआ है. इसकी तहकीकात करना युवाओं के लिए बहुत जरूरी है. शिक्षा के नाम पर युवाओं को सिर्फ ठगा गया है. सरकारी स्कूलों में तो किसी तरह टीचर बहाल हुए हैं, लेकिन कॉलेज व यूनिवर्सिटी में तो सिर्फ प्रोफेसर रिटायर होते चले जा रहे हैं.
लतिका, भूतनाथ रोड, पटना
उच्च शिक्षा पर ध्यान दें
चुनाव को लोकतंत्र का महापर्व कहा जाता है. इसमें जनता अपने नूमाइंदों को चुनती है. लेकिन, ये नूमाइंदे चुनाव जीतने के बाद दोबारा जनता का शुक्रिया अदा करने भी नहीं आते हैं. अगर पांच वर्षो तक वह जनता के संपर्क में रहते तो आज जितनी समस्याएं हैं, उसकी दस फीसदी भी नहीं रहतीं. इस विधानसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा शिक्षा होना चाहिए. हायर एजुकेशन में टीचर की कमी है. यूनिवर्सिटी से लेकर कॉलेज तक में शिक्षक नहीं हैं. वोकेशनल कोर्स को चालाने की मान्यता मिल गयी, लेकिन किसी भी वोकेशनल कोर्स में टीचर नहीं हैं. कहां से शिक्षा हासिल करेंगे छात्र. यही कारण है कि हायर एजुकेशन के लिए लोग बिहार से बाहर जा रहे हैं. सभी पार्टियों को इसपर सोंचना चाहिए.
अनिता, बीकॉम, एमएमसी