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मुस्कुरा कर कहें ‘मैं एकदम मजे में हूं’

दक्षा वैदकर मेरे अंकल जब भी मुङो फोन लगाते हैं और पूछते हैं, कैसी हो? मैं हमेशा एक ही जवाब देती हूं. ‘एकदम मजे में.. बिंदास.. ग्रेट’. जवाब सुन कर वे खुश होते हैं और कहते हैं, बस इसी तरह मजे में रहा करो. पिछले दिनों उन्होंने जवाब सुन कर कहा- हमेशा मजे में कैसे […]

दक्षा वैदकर
मेरे अंकल जब भी मुङो फोन लगाते हैं और पूछते हैं, कैसी हो? मैं हमेशा एक ही जवाब देती हूं. ‘एकदम मजे में.. बिंदास.. ग्रेट’. जवाब सुन कर वे खुश होते हैं और कहते हैं, बस इसी तरह मजे में रहा करो.
पिछले दिनों उन्होंने जवाब सुन कर कहा- हमेशा मजे में कैसे रह लेती हो.. क्या यूं ही बोलती हो या सच में मजे में हो? अंकल को मैंने जो बात कही, वह यहां दोबारा दोहराती हूं. दरअसल ‘हाउ आर यू’, ‘कैसे हो, ‘क्या हाल है’ का जवाब ही तय करता है कि आप जीवन किस तरह जीते हो या जीना चाहते हो. इस सवाल के जवाब को तीन कैटेगरी में बांटा जा सकता है.
ये है ‘दुखी ग्रुप’, ‘लटका ग्रुप’ और ‘बिंदास ग्रुप’. जब आप दुखी ग्रुप के लोगों से पूछते हैं ‘कैसे हो?’ वह कहते हैं- ‘मत पूछ यार.. क्या बताऊं. आज का दिन ही खराब है यार, लाइफ की वाट लगी पड़ी है, बेकार जिंदगी है, किस्मत ही खराब है.’ ऐसे लोगों से हाल पूछने से ही डर लगता है, क्योंकि वे हाल बताने के बाद अपना दुखड़ा रोना शुरू कर देते हैं. दूसरा ग्रुप यानी ‘लटका ग्रुप’. इन लोगों से पूछो कि क्या हाल है? तो वे कहेंगे- आइ एम फाइन, ठीक-ठाक हूं. बस कट रही है. बस वही ऑफिस, वही काम, वही बोरिंग जिंदगी..
इसमें सबसे अच्छा ग्रुप है ‘बिंदास ग्रुप’. इन से पूछो- हाउ आर यू? वे जवाब देते हैं- एक्सीलेंट, ग्रेट, एकदम बढ़िया, मस्त, ऑन टॉप ऑफ द वर्ल्ड.. ऐसे जवाब सुन कर सामनेवाले को भी अच्छा लगता है. ऐसे लोगों के साथ हर कोई रहना चाहता है. चैलेंज इनकी लाइफ में भी आते हैं, लेकिन ये उसे हंसते-हंसते सॉल्व करना करते हैं. अब आप कहेंगे कि सिर्फ बिंदास बोलने भर से क्या हो जायेगा?
दोस्तों, दिन में 10 लोगों को अगर हमने दुखी ग्रुप वाला जवाब दिया, तो जाहिर सी बात है कि हमारे कंधे उतरे होंगे. चेहरा लटका होगा. आवाज दुखी वाली होगी. हम अंदर से भी दुखी फील करेंगे. फिर हमारी सोच भी नकारात्मक हो जायेगी और हमारे साथ सब बुरा होगा. वही जब हम बिंदास ग्रुप वाला जवाब देते हैं, तो मुस्कुराते हैं, ऊर्जावान महसूस करते हैं. दिन अच्छा गुजरता है.
बात पते की..
– दुखी ग्रुप और लटका ग्रुप वाले जवाब देना बंद करें. बिंदास रहें औप बिंदास जवाब दें. जब आप ऐसे जवाब देंगे, तो आपको भी अच्छा महसूस होगा.
– अगर आप दुखी हैं और आपने जवाब भी दुखी ग्रुप का दिया, तो आपके दुख मल्टीप्लाय हो जाते हैं. इसलिए दुखी लाइनें दोहराना बंद करें.

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