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बच्चों का मन समझने की कोशिश करें

दक्षा वैदकर हर साल की तरह इस साल भी विजया ने तय किया था कि वह अपनी बेटी साक्षी के बाल कटवा देगी, ताकि रोज सुबह स्कूल जाने में देर न हो. उसने साक्षी से कहा, कुछ दिनों में स्कूल शुरू होने हैं. फिर तुम्हारा वही नाटक शुरू हो जायेगा कि चोटी ठीक से नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2015 12:06 AM
दक्षा वैदकर
हर साल की तरह इस साल भी विजया ने तय किया था कि वह अपनी बेटी साक्षी के बाल कटवा देगी, ताकि रोज सुबह स्कूल जाने में देर न हो. उसने साक्षी से कहा, कुछ दिनों में स्कूल शुरू होने हैं.
फिर तुम्हारा वही नाटक शुरू हो जायेगा कि चोटी ठीक से नहीं बनायी. अभी टाइट है, अभी ढीली है, अभी टेढ़ी है. बेहतर है कि तुम आज मेरे साथ पार्लर चलो और बाल कटवा लो. मैंने 12 बजे का अपॉइन्टमेंट ले रखा है. यह सुन साक्षी रोने लगी.
कहने लगी कि मुङो बाल नहीं कटवाना है. प्लीज.. प्लीज.. देखो न मेरे बाल कितने सुंदर हैं. लेकिन उसकी मम्मी ने एक न सुनी. उसे जबरदस्ती तैयार करवाने लगी. तभी साक्षी दौड़ कर अपनी चाची मेघना के पास चली गयी. विजया ने मेघना को सारा मामला बताया.
मेघना ने तसल्ली दी कि वह उसे पार्लर ले जायेगी और बाल कटवा कर लायेगी. मेघना साक्षी को लेकर बाहर चली गयी. चार घंटे बाद जब दोनों वापस घर आये, तो विजया ने देखा कि साक्षी के बाल अभी भी कटे नहीं हैं. उसका गुस्सा मेघना के ऊपर निकला कि मेरी बेटी का अच्छा-बुरा मैं ज्यादा समझती हूं. तुम क्यों तय करोगी कि बाल नहीं कटवाना. तुमने मेरी अपॉइन्टमेंट बेकार कर दी.
मेघना बार-बार कहती कि दीदी मेरी एक बार बात तो सुन लो. लेकिन विजया ने बात करने से साफ इंकार कर दिया. बाद में मेघना ने घर के अन्य सदस्यों को बाल न कटवाने की बजह बताते हुए कहा कि स्कूल शुरू होने के बाद कुछ दिनों में बच्चों के कल्चरल प्रोग्राम होने वाले हैं.
हर साल ही होते हैं और हर बार परी, राजकुमारी जैसे अच्छे रोल उन्हीं लड़कियों को मिलते हैं, जिनके बाल लंबे होते हैं. साक्षी को हर बार परी, राजकुमारी बनने से मना कर दिया जाता है, क्योंकि उसकी मम्मी हर बार उसके बाल कटवा देती है.
इसलिए उसकी इच्छा थी कि इस साल बाल नहीं कटवायेगी, ताकि परी का रोल उसे ही मिले. साक्षी के पापा को जब यह वजह पता चली, तो वे अपनी पत्नी को मनाने गये. उन्होंने बताया कि क्यों मेघना ने साक्षी के बाल नहीं कटवाये. विजया को तब अपनी गलती का अहसास हुआ.
बात पते की..
– बच्चे जब किसी बात की जिद करते हैं, तो उसके पीछे की वजह जानने की कोशिश करें. उनसे प्रेम से बात करें, ताकि वह आपको सही वजह बताएं.
– हम उम्र में बड़े हैं, हम माता-पिता हैं, हम निर्णय लेंगे. इस सोच के साथ चलेंगे और बच्चों पर दबाव बनायेंगे, तो बच्चे बड़े होकर बात नहीं मानेंगे.

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