वाशिंगटन : अमेरिका ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव कम करने का आह्वान करते हुए दोनों देशों के नेताओं से हिंसक कट्टरवाद से निपटने के लिए मिलकर काम करने को कहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पिछले एक सप्ताह में काबुल में आतंकवादी हमलों की श्रृंखला के संबंध में जमीनी स्तर पर स्थिति पर चर्चा करने के लिए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से फोन पर बात की.
केरी ने यह आह्वान ऐसे समय किया है जब गनी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बना हुआ है और आतंकवादी अफगानिस्तान से बचकर वहां जाते हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जान किर्बी ने कहा, ‘यह दोनों देशों के तत्काल हित में है कि वे सीमा के दोनों ओर तालिबान की संचालनात्मक क्षमता को कम करें और अपने देशों को उनके लिए सुरक्षित स्थान नहीं बनने दें.’
उन्होंने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एक कार बम हमले का जिक्र करते हुए कहा, ‘अब समय आ गया है कि हिंसक कट्टरवाद को हराने के साझा हित के लिए अफगानिस्तान और पाकिस्तान के नेता मिलकर काम करें.’ किर्बी ने कहा कि केरी और गनी ने आतंकवादी हमलों, उनके सुरक्षित स्थानों के बारे में और इन पनाहगाह को नष्ट करने की कोशिश के लिए दोनों देशों के मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बात की.
उन्होंने कहा, ‘इन हमलों में सैकडों लोग हताहत हुये हैं और यह फिर से इस बात को दर्शाता है कि आतंकवादी अफगानिस्तान के निर्दोष लोगों के जीवन का कोई मूल्य नहीं समझते.’ किर्बी ने कहा, ‘अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों के साथ खडा है और अफगानिस्तान, पाकिस्तान और अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है ताकि इस क्षेत्र को स्थायी, सुरक्षित और समृद्ध बनाया जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘ये हमले स्पष्ट रूप से दो बातें बताते हैं – अफगानिस्तान खतरनाक स्थान बना हुआ है और तालिबान ने आतंक फैलाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल करना नहीं छोडा है.’ किर्बी ने कहा, ‘हम राजनीतिक समन्वय देखना चाहते हैं. हम एक सुरक्षित और समृद्ध अफगानिस्तान देखना चाहते हैं और ये हमले इस बात को रेखांकित करते हैं कि इस लक्ष्य को हासिल करना एक चुनौती है.’