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सुंदर पिचाई: ये 10 बातें आपको पता हैं?

दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियो में से एक गूगल के नए सीईओ भारत में जन्में सुंदर पिचाई है. जानिए उनके बारे में 10 ख़ास बातें: 1. सुंदर पिचाई का जन्म 1972 में भारत के तमिलनाडु राज्य में हुआ था और उनके पिता पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे जो एक ब्रितानी कंपनी जीईसी में काम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2015 1:59 PM
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सुंदर पिचाई: ये 10 बातें आपको पता हैं? 3

दुनिया की सबसे बड़ी इंटरनेट कंपनियो में से एक गूगल के नए सीईओ भारत में जन्में सुंदर पिचाई है. जानिए उनके बारे में 10 ख़ास बातें:

1. सुंदर पिचाई का जन्म 1972 में भारत के तमिलनाडु राज्य में हुआ था और उनके पिता पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे जो एक ब्रितानी कंपनी जीईसी में काम करते थे. जबकि सुंदर की माँ स्टेनोग्राफर थीं.

2. सुंदर पिचाई अपने स्कूल की हाई स्कूल क्रिकेट टीम के कप्तान थे और इनकी कप्तानी में टीम ने तमिलनाडु राज्य का क्षेत्रीय टूर्नामेंट जीता था.

3. स्कूली शिक्षा ख़त्म करने के बाद सुंदर पिचाई को आईआईटी खड़गपुर में दाखिला मिला जहाँ इन्होंने मेटालर्जी में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. अमरीका के स्टैनफ़र्ड विश्विद्यालय से इंजीनियरिंग में एमएस करने के बाद सुंदर ने अमरीका के सबसे प्रतिष्ठित बिज़नेस स्कूलों में से एक व्हार्टन से एमबीए भी किया.

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4. पढ़ाई पूरी करने के बाद पिचाई ने कन्सल्टिंग कंपनी मैकिन्ज़ी के प्रॉडक्ट मैनेजमेंट विभाग में कई सालों तक काम किया.

5. 2004 में सुंदर पिचाई ने सर्च इंजन कंपनी गूगल ज्वाइन कर ली और दुनिया भर में फैले कंपनी के ग्राहकों के इस्तेमाल के लिए बनाए जाने वाले नए प्रॉडक्ट्स की ज़िम्मेदारी संभाली.

6. सुंदर पिचाई के करियर में दो चीज़ें मील का पत्थर साबित हुईं. पहले उन्होंने जीमेल और गूगल मैप ऐप्स तैयार किए जो रातोंरात लोकप्रिय हो गए.

7. इसके बाद पिचाई ने गूगल के सभी प्रॉडक्ट्स के लिए एंड्रॉयड ऐप भी इजाद किया. इसके बाद इनका पूरा ध्यान गूगल के ब्राउज़र क्रोम पर रहा.

8. सुंदर पिचाई रुबा इंक नामक अमरीकी कंपनी के सलाहकार बोर्ड में बतौर सदस्य मनोनीत किए गए थे.

9. सुंदर पिचाई की पत्नी का नाम अंजलि है और इनके दो बच्चों में एक बेटी और दूसरा बेटा है

10. सुंदर पिचाई की याददाश्त ज़बरदस्त बताई जाती है. कहा जाता है कि जब तमिलनाडु में इनके घर पर 1984 में पहली बार टेलीफ़ोन लगा था, तब सभी रिश्तेदार किसी दूसरे का नंबर भूल जाने पर सुंदर की याददाश्त का सहारा लेते थे.

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