रामगढ़ के राजा ने मंगाये थे हेलीकॉप्टर

इन दिनों चुनाव में हेलीकॉप्टर भले ही सामान्य है, लेकिन कभी इसके बारे में प्रत्याशी सोच भी नहीं सकते थे. एक तो इसका खर्च उठाना मुश्किल था ैर दूसरा इसका प्रयोग भी आसान नहीं था. अविभाजित बिहार में सबसे पहले हेलीकॉप्टर का उपयोग 1957 के विधानसभा चुनाव में हुआ था. तब रामगढ़ के राजा कामाख्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2015 3:39 AM

इन दिनों चुनाव में हेलीकॉप्टर भले ही सामान्य है, लेकिन कभी इसके बारे में प्रत्याशी सोच भी नहीं सकते थे. एक तो इसका खर्च उठाना मुश्किल था ैर दूसरा इसका प्रयोग भी आसान नहीं था. अविभाजित बिहार में सबसे पहले हेलीकॉप्टर का उपयोग 1957 के विधानसभा चुनाव में हुआ था. तब रामगढ़ के राजा कामाख्या नारायण सिंह ने अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के लिए दो हेलीकॉप्टर मंगवाये थे. दोनों हेलीकॉप्टर रुस से मंगवाये गये थे. उनकी पार्टी का नाम था –

स्वतंत्र पार्टी. बताया जाता है कि चुनाव प्रचार के दौरान जब हेलीकॉप्टर किसी इलाके में उतरता था, तो इसे देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ती थी. तक कांग्रेस जैसे दल भी हेलीकॉप्टर उड़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. बाद में कांग्रेस नेता कृष्ण वल्लभ सहाय के चुनाव प्रचार के लिए भीे मध्यप्रदेश के उदयपुर स्टेट के धर्मजयगढ़ के राजा चंद्रचूर्ण प्रसाद सिंह से दो सीटों वाला प्लेन खरीदा गया था. इसे रांची के लक्ष्मी नारायण जायसवाल ने मंगवाया था. लेकिन, लैंडिंग में परेशानी के कारण इस विमान का पूरा उपयोग नहीं हो पाया.

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