सीट को लेकर कांग्रेस की बढ़ सकती है परेशानी

पटना. आगामी होनेवाले बिहार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को सीट को लेकर परेशानी बढ़ सकती है. महागंठबंधन में शामिल होने की वजह से अन्य दो दलों जदयू व राजद के अनुसार तय सीट पर निर्भर रहना होगा. कांग्रेस के खाते में 40 सीट दी गयी है, लेकिन यह तय कर पाना पार्टी के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2015 2:35 AM

पटना. आगामी होनेवाले बिहार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को सीट को लेकर परेशानी बढ़ सकती है. महागंठबंधन में शामिल होने की वजह से अन्य दो दलों जदयू व राजद के अनुसार तय सीट पर निर्भर रहना होगा. कांग्रेस के खाते में 40 सीट दी गयी है, लेकिन यह तय कर पाना पार्टी के लिए मुश्किल होगा कि उसे कौन सीट मिलेगी. इसका निर्णय जदयू व राजद को करना है. पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को पांच सीट पर जीत मिली थी. जीते हुए पांच सीट को छोड़ कर शेष अन्य सीट के लिए तय कर पाना मुश्किल है. कांग्रेस के भागलपुर व किशनगंज जिले में दो-दो व पूर्णिया में एक सीट पर जीत दर्ज है.

पार्टी सूत्रों की माने तो बड़े जिले में जहां पांच से उपर सीट है उसमें एक सीट मिलना है. महागंठबंधन में 40 सीट मिलने के कारण कमोवेश प्रत्येक जिला में एक सीट निश्चित है. सीमांचल इलाके में कांग्रेस की स्थिति मजबूत है. ऐसे में इस इलाके में दावेदारी अधिक होगी.सुपौल लोकसभा क्षेत्र में पार्टी सांसद होने के कारण एक से अधिक सीट की मांग हो सकती है.

जानकारों के अनुसार पार्टी के दिग्गज नेता भी सीट को लेकर दावेदारी कर सकते हैं. ऐसे में सीट के चयन को लेकर कठिनाई हो सकती है. पार्टी पहले से 40 से 50 सीट पर लड़ने का मन बना रही थी. इसमें पांच सिटिंग को छोड़ कर पिछले विधान सभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे 17 जगहों पर अपनी दावेदारी कर रही थी. जानकारों के अनुसार कांग्रेस को कौन-कौन सीट मिलेगी इसके लिए जदयू व राजद के साथ बैठक कर निर्णय लिया जायेगा. शुक्रवार को पार्टी के वरीय नेताओं की बैठक बुलायी गयी है. इसमें सीट को लेकर चर्चा होगी. इसके अलावा महागंठबंधन द्वारा 30 अगस्त को संभावित स्वाभिमान रैली में पार्टी की अधिक से अधिक हिस्सेदारी हो इसकी तैयारी पर चर्चा होना है.

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