14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मिस्र : सिसी ने नये आतंकवाद-रोधी कानून को दी मंजूरी

काहिरा : मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने आतंकवाद-रोधी एक नये कानून को मंजूरी दी है जिसके तहत विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी. जिसमें कानूनी परिणामों से सुरक्षा बलों के लिए बचाव का प्रस्ताव है और एक प्रावधान उन पत्रकारों पर जुर्माना लगाने का भी है. जो किसी आतंकी हमले के संदर्भ में अधिकारियों […]

काहिरा : मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने आतंकवाद-रोधी एक नये कानून को मंजूरी दी है जिसके तहत विशेष अदालतें स्थापित की जाएंगी. जिसमें कानूनी परिणामों से सुरक्षा बलों के लिए बचाव का प्रस्ताव है और एक प्रावधान उन पत्रकारों पर जुर्माना लगाने का भी है. जो किसी आतंकी हमले के संदर्भ में अधिकारियों द्वारा दिये गये बयान के विपरीत बात लिखते हैं. राष्ट्रपति ने कल शाम एक आतंकवाद रोधी विधेयक पर हस्ताक्षर करके उसे कानून की शक्ल दे दी. इसके बारे में विस्तृत जानकारी आज के आधिकारिक गजट में प्रकाशित हुई है.

इस कानून के तहत विशेष अदालतें गठित करने और इसे लागू करने वालों जैसे सेना और पुलिस का अपने दायित्व निर्वाह में बल का आनुपातिक उपयोग करने पर कानूनी नतीजों से बचाव करने का प्रावधान है. इस कानून में ऐसे लोगों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है जो आतंकवादी गुट स्थापित करने या उसकी अगुवाई करने के दोषी पाये जाते हैं. आतंकवाद निरोधक कानून के तहत आतंकवादी हमलों के बारे में आधिकारिक बयानों से विपरीत कोई झूठी जानकारी प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए न्यूनतम 200,000 पाउंड से लेकर अधिकतम 500,000 पाउंड का जुर्माना करने का भी प्रावधान है.

शुरू में सरकार ने ‘आधिकारिक बयानों से विपरीत कोई झूठी जानकारी प्रकाशित करने के लिए’ जेल की सजा का प्रस्ताव रखा था लेकिन स्थानीय मीडिया की गहरी नाराजगी के बाद इसे वापस ले लिया गया. इस कानून का मसविदा जुलाई की शुरुआत में मंत्रिमंडल द्वारा तैयार किया गया था. कार बम हमले में शीर्ष सरकारी वकील के मारे जाने पर सिसी ने जुलाई में एक कडी कानून व्यवस्था का वादा किया था. सरकारी वकील कुछ वर्षों में मारे गये उच्चतम स्तर के सरकारी अधिकारी थे. जनवरी 2011 की क्रांति के बाद से मिस्र में आतंकियों द्वारा कई हिंसक हमले किये गये हैं.

इस क्रांति में पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को सत्ता से हटा दिया गया था. इस्लामवादी पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को वर्ष 2013 में सेना द्वारा सत्ता से हटाये जाने के बाद पुलिस और सेना को निशाना बनाकर किये जाने वाले हमलों की संख्या बढ गयी थी. सेना द्वारा मुर्सी को हटाये जाने से पहले उसके शासन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे. उसके बाद से अब तक 600 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की खबर है. उत्तर सिनाई उन बडे इलाकों में से एक है, जो आतंकियों के बडे हमलों का शिकार बने हैं. सेना ने क्षेत्र में सुरक्षा अभियान शुरू किये हैं, संदिग्धों को गिरफ्तार किया है और आतंकियों के मकानों को नष्ट किया है. इनमें ऐसे मकान भी थे जिनमें गाजा पट्टी तक जाने वाली सुरंगें भी बनी थीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें