दल-बदल का खेल पांच वर्ष में 6 सरकार

बिहार की राजनीति में दल-बदल की प्रवृत्ति 1967 से शुरू हुई. 1967 से 1972 के बीच राज्य में नौ सरकारें बनीं. 1967 में विधानसभा चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला था. सबसे बड़े दल संसोपा को 60 और प्रसोपा को 18 सीटें मिलीं. लिहाजा संयुक्त विधायक दल (संविद) सरकार का गठन हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2015 2:39 AM

बिहार की राजनीति में दल-बदल की प्रवृत्ति 1967 से शुरू हुई. 1967 से 1972 के बीच राज्य में नौ सरकारें बनीं. 1967 में विधानसभा चुनाव में किसी एक दल को बहुमत नहीं मिला था. सबसे बड़े दल संसोपा को 60 और प्रसोपा को 18 सीटें मिलीं. लिहाजा संयुक्त विधायक दल (संविद) सरकार का गठन हुआ और महामाया प्रसाद सिन्हा मुख्यमंत्री बने.

दस माह सरकार चली और 28 जनवरी, 1968 को सतीश प्रसाद सिंह तीन दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने. फिर एक फरवरी, 1968 को बीपी मंडल की सरकार बनी. कांग्रेस ने विधायकों को तोड़ा और 22 फरवरी, 1968 को भोला पासवान शास्त्री सीएम बने. उनकी सरकार 95 दिनों तक चली और उसी साल 29 जून को बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. 1969 में मध्यावधि चुनाव हुआ और फिर किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. हरिहर प्रसाद सिंह मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस में विभाजन हुआ और इसके बाद क्रमश:भोला पासवान शास्त्री, दारोगा प्रसाद राय, कपरूरी ठाकुर और फिर भोला पासवान शास्त्री मुख्यमंत्री बने.

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