लंदन : ओसामा बिन लादेन के ऑडियो टेप के मुताबिक उसने 1993 के एक भाषण में महात्मा गांधी का जिक्र किया और अंग्रेजों के खिलाफ उनके संघर्ष से प्रेरणा लेते हुए अपने समर्थकों से अमेरिकी वस्तुओं का बहिष्कार करने की अपील की थी. 2001 में अफगानिस्तान में शुरू किये गये अमेरिकी अभियान के चलते ओसामा कंधार शहर छोडने को मजबूर हुआ था जहां वह 1997 से डेरा डाले हुए था. कई परिसर आनन-फानन में खाली कर दिये गये जिनमें तालिबान विदेश मंत्रालय के सामने स्थित एक परिसर भी शामिल था जिसके अंदर से 1,500 कैसेट मिले थे.
बीबीसी की खबर के मुताबिक ये कैसेट कई हाथों से गुजरते हुए मेचाचुएट्स में विलियम्स कॉलेज के अफगान मीडिया प्रोजेक्ट के पास पहुंचा था जिसने केलिफोर्निया विश्वविद्यालय से अरबी भाषा में विशेषज्ञ फ्लैग मिलर से उनका खुलासा करने को कहा था. ये टेप 1960 के दशक के आखिर से 2001 तक हैं जिनमें 200 विभिन्न वक्ताओं की बातें रिकार्ड हैं. उसे सबसे पहले 1987 के एक टेप में सुना गया जो अफगान, अरब मुजाहिदीन और सोवियत स्पेत्साज कमांडो के बीच लडाई की रिकार्डिंग है.
खबर में बताया गया है कि एक टेप में महात्मा गांधी का जिक्र किया गया है जिन्हें ओसामा ने सितंबर 1993 में प्रेरक बताया है. इस संग्रह में यह पहला भाषण है जिसमें ओसामा ने समर्थकों से वस्तुओं का बहिष्कार कर अमेरिका के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की है. ओसामा ने कहा, ‘ग्रेट ब्रिटेन का मामला देखिए, एक इतना बडा साम्राज्य जिसके बारे में कहा जाता था कि उसमें कभी सूर्यास्त नहीं होता.’
उसने कहा, ‘ब्रिटेन को अपने सबसे बडे उपनिवेशों में एक से हटना पडा जब गांधी ने उनके वस्तुओं के बहिष्कार की घोषणा की. हमें आज अमेरिका के साथ ऐसा ही करना चाहिए.’ टेपों के मुताबिक ओसामा ने 1996 तक हिंसा का कोई जिक्र नहीं किया था. मिलर के हवाले से बताया गया है कि इसमें 1996 में बदलाव आया जब उसे सूडान से निर्वासित कर दिया गया. प्राप्त आखिरी रिकार्डिंगों में यह एकमात्र है जिसमें 11 सितंबर का संकेत दिया गया है. यह ओसामा के अंगरक्षक उमर की शादी की रिकार्डिंग में मिला था जिसे न्यूयार्क और वाशिंगटन डीसी पर हमले से कुछ महीने पहले टेप किया गया था.