बोस्टन : वैज्ञानिकों ने पेपर आधारित एक उपकरण विकसित किया है जो मरीज की बीमारी के आधार पर रंग बदलता है. यह इस पर निर्भर करता है कि क्या उसे इबोला, पीत ज्वर या डेंगू हुआ है. कम संसाधनों में इससे चंद मिनटों में बीमारी का पता चल सकेगा .अध्ययनकर्ता किंबरले हमाद शेफरली ने कहा कि वायरल संक्रमण के निदान की दिशा में तकनीकी विशेषज्ञता और महंगे उपकरणों की जरूरत होती है.
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पेपर टेस्ट से इबोला, डेंगू का चलेगा पता
बोस्टन : वैज्ञानिकों ने पेपर आधारित एक उपकरण विकसित किया है जो मरीज की बीमारी के आधार पर रंग बदलता है. यह इस पर निर्भर करता है कि क्या उसे इबोला, पीत ज्वर या डेंगू हुआ है. कम संसाधनों में इससे चंद मिनटों में बीमारी का पता चल सकेगा .अध्ययनकर्ता किंबरले हमाद शेफरली ने कहा […]
उन्होंने कहा, खास तौर पर, लोग पीसीआर और ईएलआईएसए कराते हैं, यह बहुत सटीक होता है लेकिन उन्हें नियंत्रित लैब स्थिति की जरूरत होती है. पॉलीमरेस चेन रिएक्शन (पीसीआर) और एंजाइम से जुडे इम्मयूनोसोरबेंट एस्से (ईएलआईएसए) बायोएसेस है जो क्रमश: सीधे या अप्रत्यक्ष तौर पर पैथोजेंस की पडताल करता है.गर्भ की जांच की तरह ही रंग बदलने वाला पेपर उपकरण काम करता है.
हमाद शेफरली ने कहा, यह पीसीआर और ईएलआईएसए के बदले में नहीं है क्योंकि हम उसकी सटीकता का मिलान नहीं कर सकते। लेकिन यह एक पूरक तकनीक है जहां पानी या बिजली की जरूरत नहीं होती.
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