कोलंबो : रानिल विक्रमसिंघे गुरुवार को श्रीलंका के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे. आम चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद पार्टी को मिली जीत के दम पर विक्रमसिंघे चौथी बार इस पद की शपथ लेनेवाले हैं. विक्रमसिंघे के यूनाइटेड नेशनल पार्टी गंठबंधन ने सोमवार को हुए संसदीय चुनाव में 106 सीटें जीतीं, जो 225 सदस्यीय सदन में बहुमत से सिर्फ सात ही कम हैं. यह संख्याबल सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है. पूर्व वित्त मंत्री रवि करुणानायके ने कहा, हम मंत्रिमंडल का भी गठन करेंगे.’ यूपीफए के पास 95 सीटें हैं. अल्पसंख्यक तमिल नेशनल अलायंस ने 16 सीटें हासिल कीं.
विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि वह संसदीय चुनाव में मिले सुशासन के जनादेश का पालन करते रहेंगे और दो-तीन साल तक एक राष्ट्रीय सरकार के लिए सभी दलों के साथ मिलकर काम करेंगे. जनवरी में हुए राष्ट्रपति चुनावों में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे की हार का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 17 अगस्त के संसदीय चुनाव आठ जनवरी की क्रांति की पुष्टि करते हैं. हम पीछे नहीं हट सकते. विक्रमसिंघे ने कहा कि वह नई सरकार की राष्ट्रीय नीति पर एक आम सहमति बनाएंगे.
उन्होंने कहा कि हमें अपनी योजना को संसद के समक्ष रखने का जनादेश मिला है ताकि हम एक आम सहमति पर पहुंच सकें और अपनी नीति के लिए एक राष्ट्रीय रुपरेखा तैयार कर सकें. उन्होंने कहा कि इस नए तरीके से काम करने के लिए सभी दलों का एकसाथ मिलकर काम करना जरुरी है फिर चाहे वे सरकार में मंत्री पदों पर हों या संसद में निरीक्षण समितियों में.