भारत-पाकिस्तान वार्ता की बहाली में हमारी कोई भूमिका नहीं : अमेरिका
वाशिंगटन : अमेरिका ने भारत-पाक वार्ता की बहाली में अपनी किसी भूमिका से स्पष्ट रूप से इंकार करते हुए कहा है कि शांति वार्ता के दायरे और गति के बारे में दोनों देशों के नेताओं को फैसला करना है. विदेश विभाग के प्रवक्ता जान किर्बी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘क्षेत्र में तनाव […]
वाशिंगटन : अमेरिका ने भारत-पाक वार्ता की बहाली में अपनी किसी भूमिका से स्पष्ट रूप से इंकार करते हुए कहा है कि शांति वार्ता के दायरे और गति के बारे में दोनों देशों के नेताओं को फैसला करना है. विदेश विभाग के प्रवक्ता जान किर्बी ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘क्षेत्र में तनाव महत्वपूर्ण है. हम उसे पहचानते हैं और हम समझते हैं कि यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देशों के नेता इस बातचीत को बहाल करें और किसी समाधान तक पहुंचने का प्रयास करें.’
किर्बी ने कहा, ‘हमने जो कहा है, खासकर कश्मीर में तनाव के बारे में, कि हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है और यह ऐसा मुद्दा है जिसे भारत और पाकिस्तान को हल करने की आवश्यकता है.’ वह भारत और पाकिस्तान के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय वार्ता के बारे में पूछे गये सवालों का जवाब दे रहे थे. पाकिस्तान ने आखिरी समय में वार्ता रद्द कर दी थी. उन्होंने कहा, ‘हम रचनात्मक बातचीत से उत्साहित थे. इसी साल रूस में भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बीच रचनात्मक बातचीत शुरू हुई.’
उन्होंने कहा, ‘हम इस बात से निराश हैं कि बातचीत नहीं हो सकी. हम भारत और पाकिस्तान को शीघ्र औपचारिक बातचीत शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.’ उन्होंने कहा कि शांति वार्ता का दायरा और गति के बारे में दोनों देशों के नेताओं को फैसला करना है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि दोनों देश बैठें और अपने बीच के मुद्दों को हल करें. उनमें से कुछ हिंसक उग्रवाद से जुडे हैं और कुछ नहीं. हम उसे समझते हैं लेकिन ये ऐसे मुद्दे हैं जिनका हल दोनों देशों को निकालना होगा. किर्बी ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद और विश्व के सामने बने खतरे पर अमेरिका का रुख वही है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और राष्ट्रीय स्तर के सभी तत्वों का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध बना रहेगा.