आजादी के बाद अब्दुल गफूर बिहार के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री हुए, जो अल्पसंख्यक समुदाय से थे. उनके बाद अल्पसंख्यक समाज का कोई नेता इस पद तक नहीं पहुंचा. वह जुलाई, 1973 से अप्रैल, 1975 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे. 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. उनका कार्यकाल इस मायने में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है कि उन्हीं के कार्यकाल में संपूर्ण क्रांति की शुरुआत हुई थी.
चार नवंबर, 1974 कोलोकनायक जेपी के नेतृत्व में पटना में युवाओं का मार्च निकला था, जिस पर आयकर गोलंबर के निकट पुलिस ने लाठी चार्ज किया. इसमें जेपी भी घायल हुए थे. समस्तीपुर में ललित नारायण मिश्र की हत्या जनवरी, 1975 में हुई थी. तब अब्दुल गफूर ही मुख्यमंत्री थे. उनके बाद डॉ जगन्नाथ मिश्र मुख्यमंत्री बने थे.