पाकिस्तान ने अमेरिका के परमाणु हथियारों वाले रिपोर्ट को किया खारिज

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज अमेरिका के दो अग्रणी थिंकटैंक की ओर से दी गयी उन रिपोर्ट को पूरी तरह अधारहीन करार दिया है जिनमें कहा गया है कि इस्लामाबाद परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी से बढोतरी कर रहा है. पाकिस्तानी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, ‘हम रिपोर्ट में की गयी इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2015 9:43 AM

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने आज अमेरिका के दो अग्रणी थिंकटैंक की ओर से दी गयी उन रिपोर्ट को पूरी तरह अधारहीन करार दिया है जिनमें कहा गया है कि इस्लामाबाद परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी से बढोतरी कर रहा है. पाकिस्तानी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, ‘हम रिपोर्ट में की गयी इस बात को खारिज करते हैं कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों का भंडार बहुत तेजी से बढा रहा है. यह पूरी तरह आधारहीन है.’

अमेरिका के दो प्रमुख थिंकटैंक ने कहा है कि एक दशक में पाकिस्तान के पास 350 से अधिक परमाणु हथियार हो जाएंगे. उधर, वाशिंगटन में व्हाइट हाउस ने कहा कि उसे भरोसा है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों की सुरक्षा से जुडी अपनी जिम्मेदारियों के बारे में अवगत है.

अमेरिका ने परमाणु क्षमता के विस्तार पर ‘अंकुश’ लगाने को कहा था

अमेरिका ने पाकिस्तान और परमाणु हथियार रखने वाले सभी अन्य देशों से कहा था कि वे अपनी परमाणु क्षमताओं के विस्तार पर ‘अंकुश’ लगाएं. अमेरिका की इस सलाह से पहले दो अमेरिकी विचार समूहों ने कहा है कि पाकिस्तान के पास करीब एक दशक में परमाणु हथियारों का तीसरा सबसे बडा भंडार हो सकता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कल कहा, ‘हम पाकिस्तान समेत परमाणु हथियार रखने वाले सभी देशों से अपील करते हैं कि वे अपनी परमाणु क्षमताओं के विस्तार पर अंकुश लगाएं.’

किर्बी से शीर्ष अमेरिकी विचार समूहों की उस रिपोर्ट के बारे में सवाल किया गया था जिसके अनुसार एक दशक में पाकिस्तान के पास 350 से अधिक परमाणु हथियार होंगे और यह अमेरिका एवं रूस के बाद परमाणु हथियारों का तीसरा सबसे बडा भंडार होगा. प्रवक्ता ने इस प्रश्न के उत्तर में यह बात कही. स्टिमसन सेंटर और कार्नेजी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के दो जानेमाने विद्वानों टॉम डाल्टन और मिशेल क्रेपन द्वारा जारी 48 पृष्ठ की रिपोर्ट ‘ए नॉर्मल न्यूक्लियर पाकिस्तान’ कहती है कि देश के परमाणु शस्त्रागार को बढाने का मार्ग विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता के उन आश्वासनों से कहीं आगे जाता है जो उसके अधिकारियों और विश्लेषकों ने परमाणु उपकरणों के परीक्षण के बाद दिये थे.

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