पाकिस्तान में फंसी भारत की मुन्नी के वकील ने डीएनए जांच की मांग की
कराची: पाकिस्तान में एक दशक से अधिक समय से फंसी मूक एवं बधिर लडकी गीता के भारतीय वकील ने आज कहा कि लडकी के साथ ही उसके अभिभावक होने का दावा करने वाले पांच परिवारों की डीएनए जांच होनी चाहिए। वकील ने इसके साथ ही भारत पर आरोप लगाया कि वह उसकी त्वरित वापसी के […]
कराची: पाकिस्तान में एक दशक से अधिक समय से फंसी मूक एवं बधिर लडकी गीता के भारतीय वकील ने आज कहा कि लडकी के साथ ही उसके अभिभावक होने का दावा करने वाले पांच परिवारों की डीएनए जांच होनी चाहिए। वकील ने इसके साथ ही भारत पर आरोप लगाया कि वह उसकी त्वरित वापसी के लिए सहयोग नहीं कर रहा है.
हरियाणा के सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील मोमीनीन मलिक ने 23 वर्षीय लडकी का संरक्षण लेने के लिए यहां की एक अदालत में एक याचिका दायर की. मलिक ने मीडिया से कहा कि वह चाहते हैं कि भारत के उन पांच परिवारों का डीएनए परीक्षण हो जिन्होंने दावा किया है कि गीता उनकी रिश्तेदार है.
उन्होंने कहा कि रक्त की जांच से उसके अभिभावकों का पता चल जाएगा. उन्होंने इसके साथ ही यह भी दावा किया कि भारत सरकार उनके साथ सहयोग नहीं कर रही है और उन्हें गीता की त्वरित वापसी के लिए भारत की ओर से कोई मदद नहीं मिली है.
सिंध हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस फैजल अरब ने वरिष्ठ अधिवक्ता अब्दुल हफीज पीरजादा के निधन के चलते गीता मामले की सुनवायी स्थगित कर दी.
मलिक ने पाकिस्तान की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 552 के तहत एक याचिका दायर की है. पाकिस्तान में पिछले 13 वर्षों से फंसी गीता यहां ईधी फाउंडेशन की देखरेख में रह रही है.
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने सद्भावना संकेत के तहत भारत को गीता को उस विशेष विमान में वापस भेजने की पेशकश की थी जिसमें पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज 24 अगस्त को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से बातचीत करने के लिए नई दिल्ली आ रहे थे. सूत्रों ने यद्यपि कहा कि भारत की ओर से कोई जवाब नहीं मिला.