कोलंबो : श्रीलंका की मुख्य तमिल पार्टी टीएनए को संसद में आज मुख्य विपक्षी दल घोषित किया गया और इसके नेता आर सम्पंतन 32 वर्षों में अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे पहले सांसद बन गये हैं जो सदन में पार्टी का नेतृत्व करेंगे. स्पीकर कारु जयसूर्या ने आज संसद में कहा, ‘यूपीएफए ने विपक्ष के नेता के पद के लिए कोई दावा पेश नहीं किया, ऐसे में मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि टीएनए के नेता सम्पंतन को विपक्ष के नेता के रूप में स्वीकार किया जाता है.’ यूनाइटेड पीपल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) ने सरकार में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के साथ हाथ मिला लिया है.
17 अगस्त को हुए चुनाव में तीसरी सबसे बडी पार्टी बनकर सामने आए तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने विक्रमसिंघे की यूएनपी और राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के राष्ट्रीय एकता सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने के बाद मुख्य विपक्षी दल के दर्जे के लिए दावा पेश किया था. टीएनए ने चुनाव में 16 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 82 वर्षीय सम्पंतन देश में विपक्ष के नेता बनने वाले दूसरे तमिल बन गये हैं.
इससे पहले वर्ष 1977 में तमिल यूनाइडेड लिबरेशन फ्रंट (टीयूएलएफ) के नेता अप्पापिल्लई अम्रतालिंगम विपक्ष के नेता बने थे. टीयूएलएफ के सदस्य 1983 तमिलों के लिए अलग देश की मांग के कारण शपथ नहीं ले पाये थे और संसद से बहिर्गमन कर गये थे. इस सप्ताह की शुरुआत में सम्पंतन ने कहा था कि उनकी पार्टी उस जातीय समुदाय को न्याय और अधिक स्वायत्ता दिये जाने के लिए दबाव बनाएगी जिसे सिंहली बहुल द्वीप में बडे स्तर पर भेदभाव का शिकार होना पडता है.