द्वितीय विश्वयुद्ध विजय परेड में चीन ने किया शक्ति प्रदर्शन
बीजिंग : चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ विजय के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर आज आयोजित एक अभूतपूर्व विशाल सैन्य परेड में लंबी दूरी की घातक मिसाइल, लडाकू विमानों और दूसरे शस्त्रों का प्रदर्शन करके दुनिया को अपनी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश की. यहां विशाल थ्येन आनमेन चौक […]
बीजिंग : चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ विजय के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर आज आयोजित एक अभूतपूर्व विशाल सैन्य परेड में लंबी दूरी की घातक मिसाइल, लडाकू विमानों और दूसरे शस्त्रों का प्रदर्शन करके दुनिया को अपनी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश की.
यहां विशाल थ्येन आनमेन चौक पर आयोजित परेड के दौरान 23 लाख जवानों-अधिकारियों वाली पीएलए की ताकत दिखाते हुए बैलिस्टिक मिसाइलों, टैंकों, बमवर्षक विमानों, ड्रोन और अन्य सैन्य उपकरणों को प्रदर्शित किया गया. इस दौरान राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के खिलाफ चीन की जीत को जापानी सैन्यवाद को कुचलने वाली एक महान जीत करार दिया.
सरकारी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान और रुस समेत 17 देशों के 1000 विदेशी जवानों ने इस परेड में भाग लिया. करीब 200 लडाकू विमानों ने आसमान में उडान भरी और परेड के अंत में 70,000 कबूतर और गुब्बारे उडाए गए. अधिकारियों ने कहा कि 40 से अधिक तरह के उपकरणों में 84 फीसदी का पहली बार प्रदर्शन किया गया है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्यून हाय के अलावा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून और भारत के विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह समेत विश्व के करीब 30 नेताओं ने परेड देखी. शी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में ज्यादतियों के लिए जापान को सीधे तौर पर निशाना बनाया.उन्होंने कहा कि इस युद्ध में तीन करोड 50 लाख चीनी हताहत हुए हैं.
चीन की ओर से शक्ति का यह अद्भुत प्रदर्शन उस वक्त किया गया है जब उसका अपने कई पडोसी देशों के साथ सीमा मामले में गतिरोध चल रहा है. दक्षिणी चीन सागर और पूर्वी चीन सागर को लेकर चीन और कुछ दूसरे पडोसी देशों के बीच सीधा टकराव है.
बीजिंग करीब संपूर्ण दक्षिणी चीन सागर पर अपना दावा करता है तो वियतनाम, फिलीपीन, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसके खिलाफ हैं.अमेरिका, भारत और कई अन्य देश यह कहते आ रहे हैं कि इन विवादों से दक्षिणी चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता प्रभावित नहीं होनी चाहिए.
चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के मार्ग के प्रति प्रतिबद्ध रहेगा और उन्होंने 23 लाख जवानों वाली मजबूत सेना में तीन लाख सैन्यकर्मियों की कमी करने की अनपेक्षित घोषणा की हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बताई.शी ने कहा, इस विनाशकारी युद्ध में जापान के आक्रमण के खिलाफ चीनी लोगों का प्रतिरोध सबसे पहले शुरु हुआ और सबसे लंबे समय तक चला. चीन ने जापानी आक्रमण के खिलाफ मिली जीत की याद में पहली बार सैन्य परेड आयोजित की है. यह परेड पूर्वी चीन सागर में विवादित द्वीप को लेकर जापान के साथ बढते तनाव की पृष्ठभूमि में आयोजित की गयी है.
शी ने राष्ट्रीय स्तर पर टेलीविजन पर दिखाए भाषण में कहा, जापान के युद्ध ने एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ओशिनिया में तबाही मचाते हुए 10 करोड सैन्य और असैन्य लोगों की जान ली. चीन में तीन करोड 50 लाख से अधिक लोग मारे गए और सोवियत संघ में दो करोड 70 लाख से अधिक लोगों ने जान गंवाई.
उन्होंने भावनात्मक भाषण देते हुए रंधे गले से कहा कि जापानी बलों के खिलाफ चीनी लोगों की जीत आधुनिक समय में विदेशी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध करते हुए चीन द्वारा हासिल की गई पहली पूर्ण जीत है.उन्होंने कहा, इस महान जीत ने चीन को उपनिवेश बनाने और उसे दास बनाने के जापानी सैन्यवाद के षडयंत्र को कुचल दिया.शी ने कहा कि इस जीत ने चीन को विश्व में एक बडे देश के रुप में फिर से स्थापित किया और चीन के लोगों को दुनिया में मौजूद सभी शांति प्रेमियों का सम्मान दिलाया.
उन्होंने कहा, इस महान जीत ने चीनी राष्ट्र की महान नई शुरुआत की उज्ज्वल संभावनाएं खोल दीं और हमारे प्राचीन देश को पुनर्जन्म के बाद एक नई यात्रा के लिए अग्रसर किया.कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच आयोजित इस परेड को चीनी अधिकारियों, नागरिकों और विदेशी मेहमानों समेत 40,000 से अधिक दर्शकों ने देखा.
यहां 2400 सदस्यीय सैन्य बैंड और गायक दल ने सेफगार्ड द येलो रिवर समेत युद्ध के दौरान गाए जाने वाले बेहतरीन गीतों को प्रस्तुत किया.परेड में मुख्य रुप से चीन के 500 से अधिक नवीनतम हथियारों और करीब 20 विभिन्न मॉडलों के 200 विमानों का प्रदर्शन किया गया. पिछले कुछ दिनों से बीजिंग में अधिकांश सैन्य प्रतिष्ठान बंद हैं. शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को दो घंटों के लिए बंद किया गया था.
इस परेड में आकर्षण का केंद्र दोंगफेंग-21डी मिसाइल थी. इस पोत भेदी बैलेस्टिक मिसाइल को पोतों को नष्ट करने वाला (कैरियर किलर्स) कहा जाता है जो अमेरिका के रक्षा अधिकारियों के लिये भी चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि यह उनके विमानवाहक पोतों को 1,700 किलोमीटर तक की दूरी से भी उड़ा सकती है.
अमेरिकी रक्षा गलियारों में इसको लेकर अटकलें थीं कि इसका प्रदर्शन किया जाएगा. चीन ने अपने एक और नए लडाकू विमान जे-15 को प्रदर्शित किया. विमान वाहक पोत आधारित इस जेट लडाकू विमान को चीन ने उस वक्त विकसित किया जब उसने अपने पहले विमानवाहक पोत लियाओनिंग का जलावतरण किया था.